नयी दिल्ली। देश में खनिज तेल की खोज और उत्पादन करने वाली कंपनियों को घरेलू बाजार में तेल को किसी भी ग्राहक को बेचने की छूट दे दी है और यह निर्णय अक्टूबर से लागू होगा। घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर पाबंदी पहले की तरह बनी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति के इस फैसले की जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी देते हुए संवाददाताओं से कहा, ‘‘आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल की समिति ने देश में उत्पादित कच्चे तेल की बिक्री पर नियंत्रण समाप्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।
इसके अंतर्गत सरकार ने एक अक्टूबर से घरेलू कच्चे तेल और कंडेनसेट के आवंटन की व्यवस्था समाप्त करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से खनिज तेल के अन्वेषण और उत्पादन (ई एंड पी) का काम करने वाली कंपनियां अपने उत्पादन का विपणन स्वतंत्र रूप से कर सकेंगी।
इन कंपनियों को उत्पादन में सरकार की हिस्सेदारी के अनुबंध -पीएससी की उस शर्त में तदनुसार छूट दी जाएगी जिसके तहत वे अभी अपने कच्चे तेल को सरकार या उसकी नामित या सरकारी कंपनियों को ही बेच सकती हैं।
उन्होंने कहा कि इन कंपनियों को घरेलू बाजार में अपने क्षेत्रों से कच्चा तेल बेचने की स्वतंत्रता होगी तथा सरकारी राजस्व जैसे रॉयल्टी, उपकर, आदि की गणना सभी अनुबंधों में एक समान आधार पर की जाती रहेगी। स्पष्ट किया कि इन कंपनियों पर पहले की तरह, कच्चे तेल के निर्यात की अनुमति नहीं होगी।
सरकार का मानना है कि कि इस निर्णय से आर्थिक गतिविधियों को और बढ़ावा मिलेगा, तेल की खोज और खनन करने वाली कंपनियों को तेल और गैस क्षेत्र में निवेश करने को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय मोदी सरकार द्वारा 2014 से शुरू किए गए परिवर्तनकारी सुधारों की कड़ी में लिया गया निर्णय है। गौरतलब है कि भारत कच्चे तेल की अपनी करीब 80 प्रतिशत जरूरत के लिए आयात पर निर्भर करता है।
श्री ठाकुर ने कहा कि सरकार पेट्रोल में एथनाल के मिश्रण तथा ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है ताकि आयात निर्भरता कम हो। सरकार ने पिछले आठ वर्षों में अन्वेषण और उत्पादन-ई एंड पी क्षेत्र में कई प्रगतिशील सुधार किए हैं।