देहरादून । मंत्री रेखा आर्य और अधिकारियों की अनबन का सिलसिला लगातार जारी है। रेखा आर्य भी अधिकारियों के खिलाफ लगातार बयानबाजी करती दिखी हैं। दरअसल, खाद्यान्न विभाग के सचिव सचिन कुर्वे ने मंत्री रेखा आर्य के उन पत्रों को सिरे से नकार दिया है जिसमें उन्होंने उनसे पूछे बिना जिला पूर्ति अधिकारी के ट्रांसफर की बात कही थी। विभागीय सचिव सचिन कुर्वे के पत्र जारी कर बताया है कि खाद्य विभाग में हुए ये सभी ट्रांसफर पूरी तरह से नियमानुसार हैं। सचिव सचिन कुर्वे ने साफ कर दिया है कि वभाग में ट्रांसफर न्यायसंगत हैं जो होकर ही रहेंगे, ये किसी भी कीमत पर निरस्त नहीं होंगे। यही नहीं, उन्होंने अपने पत्र में जिक्र किया है कि विभाग में जो ट्रांसफर हुए हैं उनके लिए ना तो विभागीय मंत्री से अनुमति लेने की जरूरत है और ना ही विभागीय सचिव से।
खाद्य सचिव कुर्वे ने पत्र में कहा कि स्थानांतरण एक्ट में जब तबादले होते हैं तो किसी मंत्री की इजाजत नहीं ली जाती।एक निर्धारित समय तक ही किसी अधिकारी को एक जगह पर तैनात किया जाता है। लिहाजा उन्होंने ट्रांसफर एक्ट का पालन करते हुए ही सभी अधिकारियों के तबादले किए हैं। ऐसे में उनके द्वारा एक बार तबादले की लिस्ट जारी होने पर किसी कीमत पर भी उस लिस्ट को निरस्त नहीं किया जाएगा। सचिन कुर्वे ने अपने पत्र में कहा है कि अगर ऐसा होता है तो विभाग में विवाद और आज अराजकता का माहौल फैल जाएगा।
कुर्वे ने कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य को लिखे पत्र में अधिनियम 2017 का हवाला देते हुए कहा है कि, विभाग में समूह ख वर्ग के अधिकारी, जो कि जिला पूर्ति अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी होते हैं, उनके स्थानांतरण से पहले विभागीय सचिव और विभागीय मंत्री से अनुमोदन लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि इन ट्रांसफर के लिए स्थायी स्थानांतरण समिति का अनुमोदन जरूरी है, जो कि विभाग में पहले से ही गठित है और इसी समिति के अनुमोदन पर यह ट्रांसफर किए गये हैं। सचिव सचिन कुर्वे ने कहा साल 2018 और 19 में भी यही प्रक्रिया अपनाई गई थी। उस वक्त भी मंत्री के अनुमोदन के बिना ही ट्रांसफर लिस्ट जारी की गई थी।