आपातकाल देश के लिए काला धब्बा : त्रिवेंद्र सिंह रावत

देहरादून।  कैंट विधानसभा में 25 जून 1975 को लगाए गए आपातकाल (काला दिवस) के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया , जिसमें मुख्य अतिथि  त्रिवेंद्र सिंह तथा सविता कपूर शामिल हुई।

इस मौके पर त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि 25 जून 1975 को आपातकाल लगा और आज भी ये सवाल पूछा जाता है ,उस समय आपातकाल की क्या जरूरत थी , 1972 में जो युद्ध हुआ उसमें भारत की बहुत कम सेना ने विरोधियों को समर्पण कराया।

उसके बाद 1972 में इंद्रा जी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनी , उस समय राज नारायण ने कोर्ट में बताया कि इन चुनावों में सत्ता का दुरुपयोग  किया गया । सरकारी तंत्र का दुरुपयोग किया गया और कोर्ट ने इस चुनाव पर रोक लगाई , इससे तिलमिलाकर इंदिरा जी इसको व्यक्तिगत विषय बनाया और आपात काल लगाया ।

इस एकाधिकार की प्रवृति के कारण देश को दंश झेलना पड़ा ।साथ ही संघ पर प्रतिबंध, अनेक स्वयंसेवकों को यातनायें झेलनी पड़ी, लोगों के शरीर को जलाया गया और
उसके बाद हुए चुनाव में कांग्रेस पूर्ण रूप से साफ हो गयी ।

इस मौके पर श्रीमती सविता कपूर ने कहा 1975 आपातकाल में अनेक लोगों ने यातनायें झेलीं ,उन सभी के बारे में हमारी पीढ़ी को पता चले इसलिए ऐसी गोष्ठियों का आयोजन अत्यंत आवशक है ।
1975 की घटना को आंखों से देखने वाले और दंश झेलने वाले श्री विजय शर्मा, श्रीमती रंजना अरोरा को सम्मानित किया ।इस अवसर पर श्री विनय गोयल, बबलू बंसल ,विजय थपलियाल सेकंड नौटियाल ,गोपाल चंद्र गोविंद मोहन ,श्री अरविंद जैन, बृजेश गुप्ता ,शमिता गुरुंग, संजय सिंघल ,अर्चना कुंडली ,रमेश काला रंजीत सेमवाल तेजपाल सैनी ,नजीत गुजराल ,अनीता मल्होत्रा ,भगवान सिंह रावत तथा विनोद रावत मौजूद थे।

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