देहरादून। कुख्यात भू माफिया गैंगस्टर यशपाल तोमर से आईएएस अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम के परिजनो के संबंध उजागर होने के बाद अधिकारी की जांच कराने की मांग होने लगी है।
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विकासनगर में संवाददाताओं से बातचीत में सम्बंधित साक्ष्य प्रस्तुत करते हुये मुख्यमंत्री धामी से उक्त आईएएस अधिकारी एवं इनके परिजनों की जांच कराने की मांग की।
सुंदरम एवं इनके परिजनों तथा करीबियों के भू-माफियाओं से संबंधों, फर्जीवाड़ा कर जमीन की खरीद-फरोख्त, जबरन ओने- पौने दामों में दलितों की भूमि कब्जाने, जिलाधिकारी हरिद्वार रहते हुए इनके द्वारा किए गए काले कारनामे एवं इनके द्वारा जमीन से जुड़े मामलों में दिए गए निर्णय एवं आदेशों की गहन जांच पड़ताल की जानी चाहिए। जिससे प्रदेश को इन जैसे भ्रष्ट अफसरों से बचाया जा सके।
नेगी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में तहलका मचाने वाली इतनी बड़ी घटना के समाचार सरकार के कानों तक नहीं पहुंच पाये या फिर सरकार अपने लाडले, कमाऊ पूत सचिव को बचाना चाहती है।
तथ्यों को दिखाते हुए उन्होंने कहा कि मई 2022 में इस अधिकारी के ससुर के खिलाफ हरिद्वार के एक भूमाफिया, गैंगस्टर यशपाल तोमर से नजदीकियां एवं जमीन की खरीद-फरोख्त के मामले में दादरी, ग्रेटर नोएडा थाने में 420,467, 468, 471 एवं 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई है। जो इनकी भू- माफियाओं से नजदीकी की पुष्टि करता है।
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि वैसे कई अधिकारी और भी हैं, जो इस कारनामे में शामिल हैं। मोर्चा अध्यक्ष ने चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सुशासन एवं भ्रष्टाचार मिटाने की बड़ी-बड़ी बातें करने वाली सरकार ने अब तक ऐसे भ्रष्ट अधिकारी को अपनी टीम से बाहर नहीं किया, जिससे प्रतीत होता है कि सरकार द्वारा लॉन्च भ्रष्टाचार- रोधी एप सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए बनाया गया है।