राजयोगिनी बीके उषा विद्या वाचस्पति, बीके विवेक विद्या सागर से विभूषित

रुड़की। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के आबू रोड़ ,शांतिवन डायमंड सभागार में अंतरराष्ट्रीय स्तर की हिंदी सेवी संस्था विक्रमशिला हिंदी विद्या पीठ द्वारा राजयोगिनी बीके उषा को विद्या वाचस्पति व बीके विवेक को विद्या सागर मानद सम्मान से विभूषित किया।

विद्यापीठ के उपकुलसचिव डॉ श्रीगोपाल नारसन ने ब्रह्माकुमारीज के अतिरिक्त महासचिव बीके ब्रजमोहन भाई ,कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई, धर्म प्रभाग की प्रमुख बीके मनोरमा बहन व उत्तराखंड शासन में शिक्षा विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ आंनद भारद्वाज की गरिमामयी उपस्तिथि में बीके उषा व बीके विवेक के हिंदी साहित्यिक योगदान की चर्चा की व बताया कि विद्यापीठ के अधिष्ठाता डॉ योगेंद्र नाथ शर्मा ‘अरुण’,कुलपति डॉ तेजनारायण कुशवाहा व कुलसचिव डॉ देवेंद्र नाथ शाह की अनुशंसा पर पीठ की अकादमी परिषद ने यह मानद उपाधि प्रदान करने का निर्णय लिया,जिसे पीठ की ओर से आज प्रदान की जा रही है।

विद्यापीठ के उपकुलसचिव डॉ श्रीगोपाल नारसन ने विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के स्वर्णिम इतिहास पर भी प्रकाश डाला और कहा कि सन साढ़े सात सौ ईसवी में स्थापित यह विद्यापीठ सबसे पुरातन है,जो आज भी हिंदी की अलख जगा रही है और हिंदी सेवियों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध है।इस अवसर पर बीके ब्रजमोहन भाई ,कार्यकारी सचिव बीके मृत्युंजय भाई, धर्म प्रभाग की प्रमुख बीके मनोरमा बहन ने विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ का उंक्त सम्मान देने के लिए आभार प्रकट किया और सम्मानित विभूतियों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।संचालन बीके सुधीरभाई ने किया।

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