नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कानपुर हिंसा के बाद कथित अवैध भवनों में तोड़फोड़ रोकने की मांग को लेकर जमीयत-ए-उलेमा हिंद की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार एवं अन्य प्रतिवादियों को अपना जवाब/ आपत्ति दर्ज कराने के लिए गुरुवार को तीन दिनों का समय दिया।
न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की अवकाशकालीन पीठ ने जमीयत-ए-उलेमा हिंद की नई याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य प्रतिवादियों को अपना जवाब/आपत्तियां तीन दिनों में दाखिल करने को कहा है। शीर्ष न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 21 जून की तारीख मुकर्रर की है। जमीयत उलेमा-ए-ंहिंद ने 13 जून को उच्चतम न्यायालय में नयी याचिका दायर की थी।
याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए उचित निर्देश देने की गुहार शीर्ष अदालत से लगाई गई थी कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना आगे कोई तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं की जाए। शीर्ष न्यायालय ने याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह तोड़फोड़ पर रोक नहीं लगा सकती है।