नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दूरसंचार क्षेत्र की महत्वकांक्षी एवं बहुप्रतीक्षित योजना 5 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी को मंजूरी दे दी है। 26 जुलाई 2022 से इसकी नीलामी शुरू की जायेगी और इसके लिए दूरसंचार विभाग ने नोटिस भी जारी कर दिया है।
5 जी सेवाएं 4 जी सेवा की तुलना में 10 गुना अधिक गति से काम करेंगी और अगले 20 वर्षों के लिए 72 गीगाहर्टज स्पेक्ट्रम की नीलामी की जाएगी। इसमें दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों की लागत को कम करने के उपाय भी किए जा रहे हैं। सफल बोली लगाने वाली टेलीकॉम कंपनियों को 5 जी स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जाएगा जिससे वे आम लोगों और विभिन्न उपक्रमों को सेवाएं दे सकेंगी।
डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, मेक इन इंडिया आदि जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से डिजिटल कनेक्टिविटी सरकार की प्रमुख नीतिगत पहलों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। ब्रॉडबैंड, विशेष रूप से मोबाइल ब्रॉडबैंड, नागरिकों के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। 2015 के बाद से देश भर में 4जी सेवाओं के तेजी से विस्तार के माध्यम से इसे एक बड़ा बढ़ावा मिला है। 2014 में 10 करोड़ ग्राहकों की तुलना में आज 80 करोड़ ग्राहकों की ब्रॉडबैंड तक पहुंच है।
देश में बनाया गया 4जी इको-सिस्टम अब 5जी के स्वदेशी विकास की ओर ले जा रहा है। भारत के 8 शीर्ष प्रौद्योगिकी संस्थानों में 5जी टेस्ट बेड सेटअप भारत में घरेलू 5जी तकनीक के लॉन्च को गति दे रहा है। मोबाइल हैंडसेट, दूरसंचार उपकरणों के लिए पीएलआई (उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन) योजनाएं और इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत से भारत में 5जी सेवाओं के शुभारंभ के लिए एक मजबूत इको-सिस्टम बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है। वह समय दूर नहीं जब भारत 5जी तकनीक और आने वाली 6जी तकनीक के क्षेत्र में एक अग्रणी देश के रूप में उभरने वाला है।