18 राज्यों के सेनानी पदाधिकारियों ने दिल्ली चलो की भरी गई हुंकार

डॉ श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट
स्वतंत्रता सेनानी परिवार राष्ट्रीय समन्वय समिति* की उत्तराखंड में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रह्लाद प्रसाद प्रजापति ने की। इस बैठक में देशभर के 18 राज्यों से चयनित 51 सदस्यों की  स्वतंत्रता सेनानी परिवार राष्ट्रीय समन्वय समिति को आशीर्वाद तथा मार्गदर्शन देने आए प्रह्लाद प्रसाद प्रजापति , ले. आर माधवन, अनन्त लक्ष्मण गुरव तीनों स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत सरकार द्वारा बनाई गई एमिनेंट कमेटी के सदस्यों के साथ ही 113 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ‌स्वामी लेखराज , राम विचार पाण्डेय, अवतार सिंह तथा भारत भूषण विद्यालंकार की उपस्थिति से समन्वय समिति के सभी सदस्य गौरवान्वित महसूस कर रहे थे।

इनके अतिरिक्त इस समन्वय समिति की बैठक में नवाब मज्जु खान के वंशज सलीमुद्दीन खान, शहीद बलभद्र सिंह के वंशज आदित्य भान सिंह तथा शहीद जगदीश वत्स के भांजे श्री गोपाल नारसन भी समन्वय समिति की बैठक में शामिल रहे।
बैठक में सर्वप्रथम उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान आयोजकों द्वारा सूत की माला पहनाकर किया गया। इसके पश्चात स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति (रजि.) के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने 51 सदस्यीय समन्वय समिति की घोषणा की, जिसका सभी सदस्यों ने हर्षध्वनि के साथ स्वागत किया। समन्वय समिति के सदस्यों ने संयोजक के रूप में जितेन्द्र रघुवंशी को मनोनीत किया और ग्यारह सदस्यीय कोर कमेटी का भी गठन किया गया।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि अगस्त के प्रथम सप्ताह में देश भर के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एवं उत्तराधिकारियों के द्वारा सामूहिक रूप से अमृत महोत्सव वर्ष में बापू की समाधि राजघाट पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद स्वतंत्रता सेनानी परिवार सम्मान यात्रा निकाली जाएगी, जिसमें प्रतिनिधियों द्वारा दिल्ली में एक बहुत बड़ा आयोजन अमृत महोत्सव वर्ष के अवसर पर किया जाएगा।

इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों तथा उनके उत्तराधिकारियों की समस्याओं पर विचार विमर्श किया जाएगा तथा एक प्रतिनिधिमंडल माननीय प्रधानमंत्री से मिलकर सेनानी परिवारों की समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करेगा।
समन्वय समिति की बैठक में संयोजक जितेन्द्र रघुवंशी ने हर सेनानी परिवार को अपने मकान के सामने राष्ट्रीय परिवार, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का नाम तथा अपने नाम का बोर्ड बनवाकर लगवाने के लिए प्रेरित किया गया, साथ ही संकल्प पत्र के सन्दर्भ में फैलाई जा रही भ्रान्तियों का भी समाधान किया गया।

30 जून तक अपने अपने प्रान्तों से हर सेनानी से संकल्प पत्र भरवाकर भेजने का भी आग्रह किया गया, ताकि 30 जून के बाद संकल्प पत्रों के मूल्यांकन के आधार पर 51 सदस्यीय समन्वय समिति को 75 सदस्यीय बना कर हीरक जयंती के 75 मनकों को दिल्ली कार्यक्रम की जिम्मेदारी सौंपी जा सके।

संयोजक ने भारत सरकार से भी आग्रह किया कि स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की अलग से जन गणना कराए, ताकि सेनानी परिवारों की वास्तविक संख्या की जानकारी मिल सके।
बैठक के अन्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रतिनिधि के रूप में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान किया और समन्वय समिति के सदस्यों को आश्वासन दिया कि हरिद्वार में शहीद जगदीश वत्स स्वतंत्रता सेनानी सेवा सदन बनाने के लिए अपने स्तर पर यथाशक्ति प्रयास करेंगे और मुख्यमंत्री से शिलान्यास करवाएंगे।

अगस्त माह में दिल्ली में होने वाले *स्वतंत्रता सेनानी परिवार सम्मान यात्रा* में भी अपने स्तर पर सहयोग करेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करण माहरा व उपाध्यक्ष मथुरादत्त जोशी ने भी सभी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को सम्मानित किया।

बैठक में मुख्य रूप से सुरेन्द्र कुमार सैनी, अवधेश पंत, अजय सीतलानी , सुरेंद्र बुटोला, हरी राम गुप्ता, सलीमुद्दीन फारूखी, इशरत उल्ला खान, रमेश कुमार मिश्रा, सुरेश चंद्र बबेले, चंद्र प्रकाश दीक्षित, विमलेश पांडे, राजेश सिंह, शक्ति पाल सिंह, सुरेंद्र दुबे, अरविंद गुप्ता, राकेश चौरसिया, ब्रह्मचारी सिंह, कुमार पटेल, अवधेश सिंह, कपूर सिंह दलाल, गुरिंदर पाल सिंह, मोनोतोष दास, षणमुख वल्ली, एडवोकेट राजेंद्रन, रामचंद्र पिल्दे, श्रीमती प्रेमलता शास्त्री, डॉ संजय द्विवेदी, गिरिजा शंकर राय तथा महंथ प्रजापति सहित समन्वय समिति के सभी सदस्यों ने अपने अपने सुझाव रखे और सभी ने एक स्वर से दिल्ली आयोजन को गरिमामय तथा विराट स्वरूप देने का आश्वासन दिया।
स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति की देहरादून ईकाई के डा. संतोष गोविल, शशांक गुप्ता, राजकुमार अग्रवाल, सत्य प्रकाश चौहान, सुधीर कौशिक, श्रीमती सुनीता इस्टवाल श्रीमती मधु सहित सभी सदस्यों ने समिति सदस्यों का सत्कार करके देवभूमि की गरिमा बढ़ाई।

1 Comment
  1. likhopadhobadho says

    It is important to count the number of the families of the freedom fighters in the country.

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