अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने पार्टी पदाधिकारियों और संगठन प्रमुखों के साथ बैठक में मंगलवार को राजनीतिक घटनाक्रम और संगठनात्मक मामलों की समीक्षा की।
साहा की 14 मई को मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद पदाधिकारियों और संगठन प्रमुखों के साथ यह पहली औपचारिक बातचीत थी।
साहा ने कहा कि भगवा दल चार विधानसभा क्षेत्रों अगरतला और बारदोवाली (पश्चिम त्रिपुरा), सूरमा (धलाई) और जुबराजनगर (उत्तरी त्रिपुरा) में हो रहे उपचुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है।
पार्टी विधायक सुदीप रॉय बर्मन और आशीष साहा के इस्तीफे तथा एक अन्य विधायक आशीष दास को अयोग्य घोषित किये जाने और मार्क्सवादी विधायक रामेंद्र चंद्र नाथ की आकस्मिक मृत्यु के कारण इन स्थानों उपचुनाव हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उपचुनाव कराना चुनाव आयोग का विशेषाधिकार है। इसमें राज्य सरकार की ओर से कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा,‘‘ हम स्वतंत्र, निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से उपचुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
पार्टी के उममीदवारों की चयन की एक निर्धारित प्रक्रिया है और उचित समय पर पार्टी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा कर दी जायेगी।
राज्य सभा सदस्य साहा को विप्लव देव के स्थान पर मुख्यमंत्री बनाया गया है। साहा को बारदोवाली (अगरतला शहर) से चुनाव लड़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा,मैं मुख्यमंत्री बना हूं तो मुझे चुनाव लड़ना होगा। किस निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ना होगा, इसका फैसला पार्टी करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कुछ कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की है और राज्य इकाई और अग्रिम संगठनों को जनसंपर्क के जरिए उन्हें लागू करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी और सरकार की छवि खराब करने की साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को अच्छे काम और लोगों का दिल जीतने के लिए स्पष्ट कर दिया गया है। यह आक्रामकता से हासिल नहीं किया जा सकता है।
बैठक में शामिल भाजपा के एक अन्य स्थानीय नेता ने कहा कि देव के कार्यकाल में त्रिपुरा गलत कारणों से सुर्खियों में आया था। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों, अपराधियों और कुछ संदिग्ध लोगों की गतिविधियों से निपटने में देव सरकार विफल रही।
उन्होंने विश्वास जताया कि डॉ साहा के नेतृत्व में पार्टी और सरकार दोनों बिना किसी पूर्वाग्रह के जन कल्याण कार्यों को अंजाम देगी।