देहरादून । क्वालिटी जांच के लिए राजकीय प्रयोगशाला रुद्रपुर भेजे गए पनीर व मावा के सैंपल फेल हुए हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पिछले दिनों शहर में अभियान चलाकर 1200 किलो (12 कुंटल) नकली/सिंथेटिक पनीर पकड़ी थी।
इसके साथ ही नकली मावा भी पकड़ा गया था। नकली पनीर व मावा की सप्लाई सहारनपुर व आसपास के क्षेत्र से देहरादून, मसूरी व हरिद्वार के लिए की जा रही थी।
अभियान के दौरान पनीर के जो आठ नमूने व मावा के दो नमूने एकत्र कर जांच को लैब भेजे गए थे उनकी रिपोर्ट आ गई है।
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी ने बताया कि पनीर के आठ सैंपलों की जांच में फॉरेन फैट यानी मिल्क फैट के अतिरिक्त अन्य सिंथेटिक फैट से बनाया होना पाया गया है। वहीं मावा के दो सैंपल भी सब स्टैंडर्ड पाए गए।
बताया कि लैब से मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर संबंधित डेयरी प्रोडक्ट ट्रांसपोर्टरों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम-2006 के तहत वैधानिक कार्रवाई करते हुए नोटिस भेजा गया है।
खाद्य सुरक्षा अधिकारी का कहना है कि देहरादून, मसूरी व आसपास के क्षेत्र में दूध का उत्पादन कम है जबकि खपत अधिक होती है। पर्यटन सीजन में दूध व दुग्ध पदार्थों की डिमांड और भी बढ़ जाती है।
जिसकी आपूर्ति सहारनपुर व आसपास के क्षेत्र से की जाती है। लेकिन इनमें मिलावट की शिकायत निरंतर मिलती रहती है। ट्रांसपोर्टरों द्वारा प्राइवेट कार में सस्ते दाम पर इनकी सप्लाई की जाती है।
पिछले सप्ताह खाद्य सुरक्षा उपायुक्त गढ़वाल मंडल व जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में विभागीय टीम ने अलग-अलग स्थानों पर अभियान चलाकर 12 कुंटल पनीर व मावा पकड़ा था, जो कि पूरी तरह सिंथेटिक था।
जेसीबी की मदद से इस नकली पनीर को नष्ट कर कुछ सैंपल जांच को लैब भेजे गए थे। जिनकी जांच रिपोर्ट आ चुकी है।
मुनाफा कमाने के लिए मिलावट का खेल
राजधानी देहरादून व आसपास के क्षेत्रों में दूध का उत्पादन कम होता है, पर खपत ज्यादा। शहर के कुछ डेयरी संचालक मानकों के अनुरूप डेयरी प्रोडक्ट विक्रय करना चाहते हैं, जबकि कुछ मुनाफा के फेर में नकली/सिंथेटिक दुग्ध प्रोडक्ट की बिक्री करना चाहते हैं।
क्योंकि मानक पूरा करने वाले जिस पनीर की कीमत तीन सौ रुपए किलो तक है, वही सिंथेटिक के तौर पर दो सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब में मिल जाता है।
मुनाफा कमाने के लिए कुछ डेयरी संचालक, रेस्टोरेंट, होटल व वेडिंग प्वाइंट कम मूल्य वाले सिंथेटिक दुग्ध प्रोडक्ट का प्रयोग कर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
इन नकली दुग्ध उत्पादों की सप्लाई सहारनपुर व आसपास के क्षेत्र से दून मे की जाती है। खाद्य सुरक्षा विभाग निरंतर अभियान चलाकर इस तरह के नकली दुग्ध उत्पाद बेचने वाले कारोबारियों की पहचान कर रही है। सही डेयरी प्रोडक्ट की जानकारी देने के लिए विभाग द्वारा फूड सेफ्टी ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाया जा रहा है।