नैनीताल। नैनीताल-रानीबाग प्रस्तावित रज्जू मार्ग (रोप-वे) का निर्माण जर्मन-आस्ट्रेलियन कंपनी द्वारा किया जाएगा। केन्द्र सरकार की ओर इसकी जिम्मेदारी जर्मन-आस्ट्रेलियन कंपनी को सौंप दी गई है।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से यह बात कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष रखी गई। एनएचएआई की ओर कहा गया कि केन्द्र सरकार ने रोप-वे से जुड़े सभी बड़े प्रोजेक्ट प्राधिकरण को सौंप दिए हैं।
इनमें उत्तराखण्ड के बड़े प्रोजेक्ट के साथ का नैनीताल-रानीबाग के बीच बनने वाला रोप-वे भी शामिल है। कंपनी की ओर से नये सिरे से इसका सर्वे किया जाएगा। केन्द्र सरकार की ओर इस प्रोजेक्ट के सर्वे के लिए धनराशि भी आवंटित कर दी गई है।
इसके बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने एनएचएआई को इस मामले में 15 जून तक लिखित में जवाब देने को कहा है। एनएचएआई की ओर से यह बात मशहूर पर्यावरणविद् अजय रावत की ओर से दायर जनहित याचिका के जवाब में कही गयी।
याचिकाकर्ता की ओर से 2019 में एक जनहित याचिका के माध्यम से इस मामले को चुनौती दी गयी। याचिका में कहा गया कि नैनीताल में जिस स्थान पर रोप-वे के अपर टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है, वह भूगर्भीय दृष्टि से काफी संवेदनशील है।
निहाल नाला व बलियानाला के बीच पहाड़ियों में लगातार कटाव होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि योजना को अंतिम रूप देने से पहले इसका ठोस अध्ययन किया जाना चाहिए। पहले प्रदेश पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से इस रोप-वे का निर्माण किया जाना था। इसके बाद अदालत ने एनएचएआई को 18 मई तक इस प्रकरण में विशेषज्ञ राय (एक्सपर्ट ओपिनियन) रखने को कहा था।