सहकारी बैंक घोटाले की एसआईटी जांच कराने की मांग
उत्तराखंड क्रांति दल ने मौजूदा जांच प्रक्रिया पर उठाए सवाल
- कहा जूनियर अधिकारी कैसे कर सकता सीनीयर अधिकारी की जांच
देहरादून । उत्तराखंड क्रांति दल ने सहकारी बैंक भर्ती निरस्त कर इस घोटाले की एसआईटी या विजिलेंस जांच कराने की मांग की है। मंगलवार को केंद्रीय कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में दल के केंद्रीय मीडिया प्रभारी शिव प्रसाद सेमवाल ने कहा कि सहकारी बैंकों में रिक्त पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया में बड़ा घोटाला हुआ है।
घोटाले का पर्दाफाश होने के कई माह बाद भी जांच की रफ्तार धीमी है। इस घोटाले की जांच सहायक निबंधक स्तर के अधिकारी कर रहे हैं। जबकि भर्ती करवाने में सहकारी बैंक के निबंधक व चेयरमैन की अहम भूमिका है।
ऐसे में कोई भी जूनियर अधिकारी कैसे सीनियर अधिकारी की जांच कर सकता है।
उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों के चयन के लिए साक्षात्कार में अधिकतम 10 नंबर निर्धारित किए गए थे।
जबकि साक्षात्कार कमेटी में शामिल तीन सदस्यों में से प्रत्येक ने अभ्यर्थियों को दस-दस नंबर दिए। यानी दस नंबर के साक्षात्कार में से कईयों को 30 नंबर मिले हैं। कहा कि भाजपा सरकार में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री बीसी खंडूड़ी वर्ग तीन व चार की भर्तियों में साक्षात्कार व्यवस्था को समाप्त कर चुके थे।
इसके बाद भी सहकारी बैंक में इस वर्ग के रिक्त पदों पर हुई भर्ती प्रक्रिया में अभ्यर्थियों का साक्षात्कार किया गया। दल के पूर्व केंद्रीय महामंत्री सुनील ध्यानी ने कहा कि अधिकांश अभ्यर्थियों के खेलकूद व अनुभव प्रमाण पत्र भी फर्जी थे।
इसके बावाजूद उन्हें नियुक्ति दी गई। बड़ी संख्या में बैंक में तैनात अधिकारियों के रिश्तेदारों की नियुक्ति हुई है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सहकारी बैंक भर्ती में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ है।
इसलिए इस घोटाले की जांच एसआईटी या विजिलेंस से कराई जानी चाहिए। कहा कि यदि सहकारी बैंक में पूर्व में हुई भर्ती प्रक्रिया निरस्त नहीं होती और घोटाले की एसआईटी जांच नहीं कराई जाती है तो उक्रांद उग्र आंदोलन करेगा। पत्रकार वार्ता में जिलाध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल भी मौजूद रही।