जंगलों में लगे आग से ग्रामीण परेशान, आंखों में जलन और सांस लेने की परेशानी लेकर अस्पताल पहुंच रहे लोग

रुद्रप्रयाग। जंगलों में लग रही आग के कारण ग्रामीण परेशान है। आग लगने के बाद उठ रहे धुंए से लोगों को आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत सहित अन्य समस्याएं हो रही हैं, जिस कारण जिला अस्पताल के साथ ही माधवाश्रम अस्पताल कोटेश्वर में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

हर मरीज आंखों में खुजली और सांस लेने में दिक्कत बता रहा है। ऐसे में चिकित्सकों की ओर से उन्हें समय से इलाज कराने की सलाह दी जा रही है। बता दें कि इन दिनों रुद्रप्रयाग के जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं। रात के समय जंगलों में आग लगने का दृश्य साफ दिखाई दे रहा है, जबकि सुबह और सांय तक जंगलों से धुंआ उठ रहा है।

यह धुंआ आसमान में चारों ओर फैल रहा है और सूर्य की रोशनी भी गायब हो गई है। इस धुंए के कारण लोगों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। हर कोई आंखों में जलन, खुजली और सांस लेने में दिक्कत बता रहा है। इन दिनों रुद्रप्रयाग जिले के धनपुर, बछणस्यूं, भरदार, लस्या सहित अन्य पट्टियों के जंगलों में आग लगी हुई है।

जंगलों में लगी आग से लाखों की वन सम्पदा जलकर राख हो गई है तो जंगली जानवरों का अस्तित्व भी समाप्त हो रहा है। जंगली जानवर अपनी जान को बचाने के लिए ग्रामीण इलाकों की ओर रूख कर रहे हैं।

हैरत की बात यह है कि जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग भी कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहा है। विभाग के खोखले दावों से लोग परेशान हैं। वन विभाग के समीप जवाड़ी गांव में आग लगने की घटना के तीन घंटे बाद वन विभाग पहुंचा, जबकि जवाड़ी गांव से वन विभाग कार्यालय की दूरी मात्र डेढ़ किमी है।

ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब विभाग डेढ़ किमी की दूरी पर भी समय से नहीं पहुंच पा रहा है तो दूरस्थ जंगलों में लगी आग को बुझाने के क्या प्रयास किये जा रहे हैं। जंगलों में लग रही आग के कारण ग्रामीण जनता के साथ ही शहरी इलाकों के लोग खासे परेशान हैं।

जवाड़ी गांव के बीच जंगल में लगी आग के कारण ऊपर और नीचे के भवनों तक आग पहुंच गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने आग को बुझाने के प्रयास किये, लेकिन आग पर काबू पाने में नाकाम रहे।

आग तेजी से फैलती गई और आग से उठने वाला धुंआ जवाड़ी गांव के ठीक सामने लगे ट्रेड फेयर मेले तक आ गया। इस धुंए के कारण मेले में आये लोगों को भी काफी दिक्कतें उठानी पड़ी। इसके बाद वन विभाग की टीम तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची और आग को बुझाया।

आग से उठ रहे धुंए के कारण ग्रामीण के साथ ही शहरी इलाकों के लोगों को भारी परेशानियां हो रही हैं। लोगों के आंखों में खुजली, जलन के साथ ही सांस लेने में दिक्कतें हो रही हैं, जिस कारण जिला अस्पताल और कोटेश्वर माधवाश्रम अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती भीड़ से चिकित्सक भी परेशान हैं और लोगों को धुंए से बचने की सलाह रहे हैं। जिला चिकित्सालय के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ संजय तिवारी ने बताया कि जंगलों में लगी आग के कारण लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं।

अस्पताल में लोग आंखों में खुजली, जलन और सांस फूलने जैसी समस्याओं को लेकर आ रहे हैं। हार्ट के मरीजों के लिए भी यह धुंआ काफी खतरनाक साबित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि जंगलों में लग रही आग को बुझाने के लिए ठोस प्रयास करने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों को आंग से हो रही परेशानियों से सचेत रहने को कहा जा रहा है और उन्हें समय से इलाज कराने की सलाह दी जा रही है।

डॉ तिवारी ने बताया कि इस बार आग की घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं। ग्रामीण इलाकों में आग की घटनाओं से लोग खासकर ज्यादा परेशान हैं। जिला चिकित्सालय के साथ ही कोटेश्वर अस्पताल में हर दिन दो सौ से चार सौ मरीज पहुंच रहे हैं।

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