केंद्रीय कृषि मंत्री ने कृषि कार्यशाला को किया संबोधित, कहा – सरकार प्राकृतिक खेती में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दे रही है
नयी दिल्ली । केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अभिनव कृषि पर एक कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर भी जोर दे रही है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि महामारी के दौरान पौष्टिक भोजन, अच्छे स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ी है।
इस संबंध में उन्होंने पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने में प्राकृतिक खेती की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बेहतर पोषण सुनिश्चित करने में मवेशियों और पशुओं के महत्व पर जोर दिया।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि प्राकृतिक खेती में बदलाव से खेती की लागत में उल्लेखनीय कमी आई है, मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार हुआ है और उपज में वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने से किसानों के काम को अनुकूलित करने और पर्यावरण को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी। इससे पानी के उपयोग में कमी आती है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने और बड़े पैमाने पर लोगों, विशेषकर किसानों के साथ लाभ साझा करने का समय आ गया है।
राज्यों के साझा अनुभव देश में नवीन कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए एक मजबूत रोडमैप बनाने में मदद करेंगे। कार्यशाला में चार तकनीकी सत्र राज्यों में प्राकृतिक खेती पर एक पैनल चर्चा, मृदा स्वास्थ्य बहाली और जलवायु परिवर्तन शमन के लिए प्राकृतिक खेती, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना औल प्राकृतिक खेती में नवाचार थे।
कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आनलाइन शामिल हुए, और गाय आधारित प्राकृतिक खेती के महत्व और पारंपरिक पहलुओं पर प्रकाश डाला।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा नदी के दोनों किनारों और 5,200 गांवों में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की राज्य की योजना का उल्लेख किया। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्राकृतिक खेती पर अनुसंधान को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में प्राकृतिक खेती की वर्तमान स्थिति, प्रगति और चुनौतियों के बारे में बताया। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि प्राकृतिक खेती समय की जरूरत है और वैज्ञानिक तरीकों की पहचान करना महत्वपूर्ण है ताकि किसानों को प्राकृतिक खेती और उच्च आय से प्रत्यक्ष लाभ का आश्वासन दिया जा सके।