गुवाहाटी । असम के जोरहाट में पहला 99.999 प्रतिशत शुद्ध ग्रीन हाइड्रोजन पायलट संयंत्र चालू किया, जिसकी शुरुआती क्षमता प्रति दिन 10 किलोग्राम है। इस संयंत्र को आयल इंडिया लिमिटेड द्वारा जोरहाट में अपने पंप स्टेशन पर तीन महीने के रिकॉर्ड समय में लगाया गया था।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, संयंत्र 100 किलोवाट आयन एक्सचेंज मेम्ब्रेन (एईएम ) इलेक्ट्रोलाइजर श्रृंखला का उपयोग करके मौजूदा 500 किलोवाट सौर संयंत्र द्वारा उत्पन्न बिजली से ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करता है। एईएम तकनीक का उपयोग भारत में पहली बार किया जा रहा है।
इस अवसर पर आयल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक सुशील चंद्र मिश्रा ने कहा कंपनी ने हमारे प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
उन्होंने कहा, इस संयंत्र से भविष्य में हरित हाइड्रोजन का उत्पादन 10 किलोग्राम प्रति दिन से बढ़ाकर 30 किलोग्राम प्रति दिन होने की उम्मीद है। कंपनी ने प्राकृतिक गैस के साथ ग्रीन हाइड्रोजन के सम्मिश्रण और ओआईएल के मौजूदा बुनियादी ढांचे पर इसके प्रभाव को लेकर आईआईटी गुवाहाटी के सहयोग से एक विस्तृत अध्ययन शुरू किया है।
कंपनी मिश्रित ईंधन के वाणिज्यिक इस्तेमाल के लिए इसके उपयोग के मामलों का अध्ययन करने की भी योजना बना रही है। उल्लेखनीय है कि 15 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए एक वैश्विक हब बनाने के लिए एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की थी।