एक हाईपावर समिति करेगी धामी प्रकरण पर बात : माहरा

धामी प्रकरण को अनुशासन की नजीर बनाना चाहती है कांग्रेस

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट खाली करने और अगला विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर न लड़ने के हरीश धामी के ऐलान पर कांग्रेस के भीतर जबरदस्त माथा-पच्ची चल रही है।

कांग्रेस इस मामले को अनुशासनहीनता से जोडक़र कुछ ऐसा करना चाहती है, जो आगे के लिए भी मिशाल बन सके। सूत्रों का कहना है कि धामी के बगावती तेवरों को प्रदेश कांग्रेस के नव नियुक्त अध्यक्ष करन माहरा ही नहीं आलाकमान ने भी गंभीरता से लिया है।

बताया जा रहा है कि धामी के बगावती तेवरों के साथ ही उनके द्वारा दिये गये बयानों को पार्टी के लिए अहितकर माना जा रहा है। उनके बयानों के बाद पार्टी के भीतर यह बात भी निकल कर आ रही है कि यदि इस मामले में पार्टी ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो यह भविष्य में कांग्रेस के लिए नासूर भी बन सकता है।

कांग्रेस के भीतर प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष व उपनेता प्रतिपक्ष के पद पर की गयी नियुक्तियों के बाद असंतोष खुलकर सामने आया है। हालांकि इस असंतोष को गढ़वाल की उपेक्षा के नाम पर हवा देने की कोशिश की गयी, लेकिन इसके पीछे सबके निजी हित ही ज्यादा बड़े कारण थे।

पिछले दिनों प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रतिपक्ष के कार्यभार ग्रहण करने के अवसरों पर देहरादून शहर के पूर्व विधायकों ने भी दूरी बनायी। इससे साफ था कि कुछ शक्तियां उन्हें रोकने का काम कर रही थी। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने माना है कि हरीश धामी का प्रकरण काफी गंभीर है।

पार्टी के भीतर अनुशासन को महत्व मिलेः माहरा

हरीश धामी द्वारा मुख्यमंत्री के लिए सीट खाली करने और 2027 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर नहीं लड़ने की बात करना गंभीर मामला है। अभी पार्टी के भीतर अनुशासन समिति का गठन नहीं हुआ है, इसलिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक टीम इस पूरे प्रकरण का अध्ययन करेगी। वरिष्ठ नेताओं की टीम इसलिए जरूरी है क्योंकि मामला एक वरिष्ठ कार्यकर्ता व तीन बार के विधायक से जुड़ा हुआ है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता है। हमें वरिष्ठ विधायक से जुड़े पहलुओं को तो जानना ही पड़ेगा, साथ में यह भी सुनिश्चित करना पड़ेगा कि पार्टी के भीतर अनुशासन को महत्व मिले। इसलिए मैने तय किया है कि धामी प्रकरण में वरिष्ठ पार्टीजनों की टीम पूरे मामले को देखेगी।

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