1970 में पाकिस्तान से हुए थे विस्थापित, 63 हिंदू बंगाली परिवारों का हुआ पुनर्वासन

लखनऊ। पाकिस्तान से 1970 में विस्थापित हुए 63 हिंदू बंगाली परिवारों को उत्तर प्रदेश सरकार ने लंबे इंतजार के बाद पुनर्वासन हेतु जमीन और मकान देकर देश में स्थाई गुजर बसर का इंतजाम कर दिया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विस्थापन का दंश झेल रहे इन 63 परिवारों के चार दशक के इंतजार को खत्म कर इन्हें पुनर्वास योजना के तहत कृषि एवं आवासीय भूमि का पट्टा और मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृति पत्र वितरित किये। वर्षों से किसी सरकार ने अब के बांग्लादेश से विस्थापित हिन्दू बंगाली परिवारों का दर्द नहीं समझा था।

योगी सरकार ने अब इन परिवारों को सहारा देते हुए जमीन और मकान उपलब्ध कराया है। इस मौके पर योगी ने कहा कि पुनर्वास अधिकार के तहत 63 परिवारों को पट्टे दिये जा रहे हैं, लेकिन इसका लाभ 400 लोगों को मिले। उन्होंने कहा कि शरण देकर व्यवस्थित पुनर्वास कराना मानवता के प्रति सेवा का अभूतपूर्व उदाहरण है। गौरतलब है कि 1970 में बांग्लादेश से आए विस्थापित 407 हिन्दू परिवारों में 332 को देश के अलग-अलग हिस्सों में रखा गया था।

उत्तर प्रदेश में हस्तिनापुर स्थित मदन सूत मिल में इन्हें पुनर्वासित किया गया था लेकिन 1984 में मिल बंद होने के कारण यह सब बेसहारा हो गए थे। इनमें से 65 परिवारों की व्यवस्था उत्तर प्रदेश सरकार को करनी थी लेकिन, किसी सरकार ने इनकी सुध नहीं ली।

इसके बाद 2017 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया को पूरा कर इन परिवारों को योगी सरकार ने दो एकड़ कृषि भूमि का पट्टा और 200 मीटर आवास के पट्टा के साथ मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास स्वीकृत किया है।

मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि इन्हें शासन की अन्य योजनाओं से भी आच्छादित किया जाएगा। मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन लोगों को अपने देश में शरण नहीं मिली और आजादी के बाद भी कष्ट झेलना पड़ा, उन्हें भारत ने न केवल शरण दी बल्कि उनका व्यवस्थित पुनर्वास कराया है। यह मानवता के प्रति सेवा का अभूतपूर्व उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि जब 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो अनेक चुनौतियां थीं। मुसहर, वनटांगिया, चारू, भील आदि बहुत से आदिवासी समुदाय के लोगों को आजादी के बाद से कोई लाभ नहीं मिल पाया था। योगी ने कहा कि उनकी सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत ऐसे लोगों को 1.8 लाख आवास उपलब्ध कराये हैं।

वनटांगिया के 38 गांवों को राजस्व गांव के रूप में बदला और इन्हें आजादी के बाद से पहली बार वोट देने का अधिकार मिला। उन्होंने कहा कि इन लोगों की बात पहले की संवदेनहीन सरकारों तक नहीं पहुंचती थी।
वार्ता

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