प्रधानमंत्री मोदी करेंगे दुनिया के पहले वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र का उद्धाघन

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात के जामगनगर में मारीशस के प्रधानमंत्री तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस की उपस्थिति में दुनिया के पहले डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र का उद्घाटन करेंगे।

इस अवसर तीनों नेता केंद्र के भवन का शिलान्यास भी करेंगे। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र का प्राथमिक उद्देश्य दुनिया भर से पारंपरिक चिकित्सा के लाभों को आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ एकीकृत करना है।

यह पहल भारत के साथ-साथ वैश्विक समुदाय के लिए सस्ती और विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं को विकसित करने में मदद करेगी। आधुनिक विज्ञान, नवाचार और पारंपरिक चिकित्सा को एक साथ लाने से एक स्थायी स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होगा।

यह केंद्र साक्ष्य और शिक्षा, डेटा और विश्लेषण, स्थिरता और पूंजी और वैश्विक स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक चिकित्सा के योगदान के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों और उत्पादों पर नीतियों और मानकों के लिए ठोस साक्ष्य का आधार तैयार करने में भी मदद करेगा।

इसके बाद अगले दिन मोदी 20 अप्रैल को गुजरात के गांधीनगर में तीन दिवसीय वैश्विक आयुष निवेश एवं नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) का शुभारम्भ करेंगे। इस सम्मेलन में प्रमुख उद्योगपतियों, शिक्षाविदों और विद्वानों की भागीदारी रहेगी।

इसमें पारम्परिक औषधियों और प्रणालियों को बढ़ावा देने पर विचार विमर्श किया जाएगा। इस सम्मेलन के तहत, पांच विस्तृत सत्र, आठ गोलमेज सम्मेलन, छह कार्यशालाएं, दो संगोष्ठियां होंगी। इसके अलावा सम्मेलन में 90 प्रतिष्ठित वक्ता और 100 प्रदर्शक रहेंगे।

इसमें विभिन्न दूतावासों, उद्योगों और शीर्ष कंपनियों के प्रतिनिधि होंगे। सम्मेलन के उद्देश्यों में भारत को दुनिया में वैश्विक आयुष स्थल के रूप में तैयार करने के लिए निवेश आकर्षित करना शामिल है।

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