गोपेश्वर। बद्रीनाथ धाम में 10 से 12 हजार तक तीर्थयात्रियों के ठहरने के इंतजाम किए गए हैं। तीर्थयात्रियों के अधिकाधिक संख्या में आने पर जोशीमठ, पांडुकेश्वर तथा गोविंदघाट में ठहराया जा सकेगा।
बताते चलें कि कोरोना के चलते दो साल से ठप्प पड़ी चारधाम यात्रा में इस बार कोरोना की रफ्तार धीमी पडऩे के चलते तीर्थयात्रियों का रेला उमडऩे की संभावना है।
जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में 10 हजार तक तीर्थयात्रियों के ठहरने का इंतजाम किया गया है। तीर्थयात्रियों के अधिकाधिक संख्या में पहुंचने पर उन्हें रात्रि प्रवास के लिए पांडुकेश्वर, गोविंदघाट तथा जोशीमठ भेजा जाएगा।
8 मई को खुलने जा रहे बद्रीनाथ मंदिर के कपाट की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। इस बीच बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान का काम भी जोर पकड़ता जा रहा है। बद्रीनाथ बाजार की ओर शेष नेत्र, बद्रीश झील, अस्पताल विस्तारीकरण और बाइपास सडक़ निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है।
नारायण पर्वत की तलहटी में फुटपाथ, घाट, रिवर फंट के कार्य जारी है। इस बीच मास्टर प्लान के तहत कई सरकारी तथा निजी भवनों का ध्वस्तीकरण हो चुका है।
नगर पंचायत, जल संस्थान, यूपीसीएल समेत तमाम विभागीय कार्याें के संचालन के लिए जिला प्रशासन से श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के 4 धर्मशालाओ का अधिग्रहण किया है। डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
धाम में 10 से 12 हजार तीर्थयात्रियों के ठहरने के इंतजाम हैं। यदि इससे अधिक तीर्थयात्री पहुंचे तो उन्हें अन्यत्र भेजा जाएगा। बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान की जद में आ रहे पुलिस विभाग के भवनों को भी ध्वस्त कर दिया गया है।
यात्रा काल में पुलिस जवानों और स्टाफ को ठहरने के लिए टैंट कालोनी स्थापित की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने 25 लाख की डीपीआर गढ़वाल आयुक्त को भेज दी है।
इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था बनाए जाने पर भी जोर दिया जा रहा है। बीएडीपी के तहत बनाए गए पार्किंग में 150 से 200 वाहनों की पार्किंग होगी।