नैनीताल। मानवता के दो चेहरे सामने आए हैं। जहां एक ओर घर वालों ने गंभीर बीमार होने पर एक 35 वर्षीय युवक के प्रति अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोडक़र उसे भगवान भरोसे छोड़ दिया। वहीं जिनका युवक से कोई संबंध नहीं, वह उसे बचाने के लिए हर हाल में जुटे हुए हैं।
बताया गया है कि मूलत: पंगूट निवासी 35 वर्षीय अन्नू आर्या अविवाहित है। वह शहर के रुकुट कंपाउंड क्षेत्र में टिन शेड बना कर रहता था और छोटे-मोटे काम करके गुजर बसर करता था।
इधर वह होली के बाद से घर के बाहर कम ही नजर आया था। किसी अनहोनी की आशंका में चार दिन पूर्व अधिवक्ता स्वाति परिहार व उनके पति ने दरवाजा तुड़वाकर उसे मजदूरों की मदद से बीडी पांडे जिला चिकित्सालय पहुंचाया।
यहां डॉ. एमएस दुग्ताल की अगुवाई में चिकित्सा कर्मियों की पूरी टीम उसकी सुश्रुसा में जुटी रही। बताया गया है कि उसके शरीर में आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था। उसे करीब 3 यूनिट खून भी चढ़ाया गया परंतु वह बाहर आ जा रहा था।
उसकी देखभाल में योगदान दे रहे अधिवक्ता संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस पर उसके भाई संतोष उर्फ संजू तथा बहन प्रेमा व जीजा जीवन आदि से संपर्क किया गया कि वह केवल उसकी देखभाल कर दें, लेकिन वह अस्पताल में उसकी हालत देखने के बावजूद चले गए, और मोबाइल ही स्विच ऑफ कर दिया।
इस पर शुक्रवार को उसे बिना किसी सहयोगी के जांचों व उपचार के लिए 1८ के माध्यम से हल्द्वानी भेजा गया है। उसकी हालत गंभीर है। हल्द्वानी में सामाजिक कार्यकर्ताओं से उसकी देखभाल के लिए मदद मांगी गई।
उधर हल्द्वानी में सामाजिक कार्यकर्ता हेमंत गौनिया ने बताया कि वह उसकी देखभाल करने के साथ सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज में उसका नि:शुल्क उपचार करा रहे हैं।