केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- एनसीसी,एनएसएस और होमगार्ड को भी आपदा प्रबंधन तंत्र से जोड़ने की जरूरत
नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरूवार को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल द्वारा क्षमता निर्माण पर आयोजित दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि अब देश ने तकनीक के बल पर यह क्षमता हासिल कर ली है कि ज्यादातर आपदाओं के बारे में समय से पहले ही चेतावनी और संकेत मिल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अब यह जरूरी है कि यह चेतावनी और एलर्ट समय रहते प्रभावित क्षेत्र के हर व्यक्ति तक पहुंचे और उसे तुरंत सहायता मिले। गृह मंत्री ने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय कैडेट कोर, राष्ट्रीय सेवा योजना, होमगार्ड और महिला स्वयंसेवकों को भी आपदा प्रबंधन के तंत्र से जोड़ने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि इन सबको व्यवस्थित तरीके से प्रशिक्षित किया जाना चाहिए जिससे कि विपदा के समय प्रशिक्षित स्वयंसेवकों तथा जन संसाधन की कमी न रहे और आपदा संबंधी एलर्ट लोगों को तुरंत पहुंचाये जा सकें। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षित युवा एनडीआरएफ की टीम पहुंचने से पहले एक तरह से फर्स्ट एड की सुविधा देने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के तंत्र को गांवों तक पहुंचाने के लिए आपदा मित्र योजना शुरू की गयी है जिसमें गांव गांव में प्रशिक्षित युवाओं की टीमों का गठन किया जा रहा है। इसके अलावा विभिन्न तरह की ऐप भी बनायी जा रही हैं । इन ऐप को भी जमीनी स्तर तक पहुंचाने के लिए काम किये जाने की जरूरत है जिससे लोग इस पर उपलब्ध जानकारी का फायदा उठा सकें।
गृह मंत्री ने कहा कि आपदा मोचन का काम केवल कागजों पर अनुसंधान से नहीं किया जा सकता इसके लिए व्यापक स्तर पर संबंधित लोगों का क्षमता निर्माण जरूरी है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के काम में अनेक एजेन्सियां शामिल रहती हैं इसलिए अच्छे परिणामों के लिए इनके बीच बेहतर तालमेल और इनका एक दूसरे का पूरक बनना जरूरी है। यह समन्वय राज्यों और जिलों तथा गांवों तक होना चाहिए।
एनडीआरएफ की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे से समय में इस संगठन ने दुनिया भर में अपना मुकाम बनाया है। संगठन ने पडोेसी देशों में भी मानवता की दृष्टि से काम किया है। इसके के चलते बीस वर्ष के अंतराल में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में देश ने नया पड़ाव हासिल किया है।
उन्होंने कहा कि 1990 के दशक से पहले आपदा से जान माल के नुकसान का बचाव नहीं हो पाता था और केवल राहत पर ही ध्यान रहता था लेकिन एनडीआरएफ ने भगीरथी प्रयास कर आपदा प्रबंधन में सफलता की नयी कहानी लिखी है और लंबी यात्रा तय की है। आपदा से होने वाली मृत्यु में बहुत कमी आयी है और अब हर तरह की आपदा का सफलतापूर्वक सामना किया जा रहा है।
शाह ने कहा कि अब तक 21 हजार से ज्यादा एसडीआरएफ कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है। विभिन्न तरह की आपदाओं से निपटने के लिए समय समय पर दिशा निर्देश और परामर्श भी जारी किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस पुरस्कार भी शुरू किया गया है।