पंजाब में जीत के बाद आप की दूसरे राज्यों में भी पैर पसारने की तैयारी

सुमित्रा

चंडीगढ़।  पंजाब में मिली प्रचंड जीत के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल उत्साहित हैं। केजरीवाल के समर्थकों को लगने लगा है कि आने वाले समय में आप ही भाजपा को टक्कर देगी। पंजाब की जीत के बाद आप की निगाहें हिमाचल प्रदेश और गुजरात पर केंद्रित रहेंगी। हरियाणा में भी नए सिरे से पार्टी को खड़ा करने की कोशिशें शुरु हो गई हैं। आप ने दिल्ली नगर निगम चुनावों में भी जीत का दावा किया है। चंडीगढ़ नगर निगम में उलटफेर की संभावनाएं बनती दिख रही हैं।

केजरीवाल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के साथ अमृतसर में रोड शो कर अपनी बढ़ती ताकत का प्रदर्शन कर चुके हैं। मान के शपथ ग्रहण समारोह में लाखों की भीड़ जुटा कर पड़ोसी राज्यों को पार्टी के  बढ़ते ग्राफ का अहसास करवाया है. केजरीवालने तो यहां तक दावा किया है कि अगर उनकी पार्टी दिल्ली नगर निगम के चुनाव नहीं जीती तो वे राजनीति छोड़ देंगे। यह तय हो चुका है कि केजरीवाल अपनी पार्टी की जीत की लड़ाई में मान को अपने साथ रखेंगे।
इसकी वजह मुख्यमंत्री बनते ही मान के चार बड़े फैसले हैं. भ्र्ष्टाचार पर नकेल के लिए उन्होंने अपना एक मोबाइल नंबर जारी किया है। 25 हजार लोगों को सरकारी नौकरी देने का निर्णय लिया है. 35 हजार कच्चे कर्मचारियों को नियमित करने का भी फैसला लिया गया है। सबसे बड़ी बात यह कि पूर्व विधायकों को अब केवल एक ही पेंशन मिलेगी, भले ही वे कितनी ही बार चुनाव क्यों न जीते हों।
यह किसी से छुपा नहीं है कि पंजाब की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। राज्य पर करीब तीन लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। कर्ज की किस्तें देने के लिए भी पंजाब को कर्ज लेना पड़ रहा है। हाल ही में मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाक़ात कर एक लाख करोड़ के पैकेज की मांग की थी। ऐसे में मान ने अब पूर्व विधायकों को कई पेंशन देने के मामले पर रोक लगाने का फैसला कर लिया है।पंजाब में किसी नेता ने चाहे कितनी ही बार चुनाव क्यों न जीते हों, पेंशन उसे एक बार की ही मिलेगी। मान विधायकों के साथ ही उनके परिवार के लोगों को मिल रही पेंशन में भी जल्दी ही संशोधन करेंगे। इस बात को वे जायज नहीं मानते कि सेवा के नाम पर राजनीति में आने वाले लोग लाखों रुपए महीने पेंशन के रूप में हासिल करें।
पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार बनने पर सबसे बड़ा झटका पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, कैप्टन अमरिंदर सिंह, राजिंदर कौर भट्ठल सहित अकाली दल और कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं को लगा है, जो इस समय लाखों रुपए महीना पेंशन ले रहे हैं। मान ने कहा कि हैरानी की बात है कि बहुत से विधायक चुनाव हारने के बावजूद पांच लाख रुपए तक पेंशन ले रहे हैं. कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें पूर्व विधायक के साथ पूर्व सांसद के रूप में भी पेंशन मिल रही है।
मान के मुताबिक पूर्व विधायकों को एक ही  बार की पेंशन देने से सरकार का करोड़ों रुपया बचेगा, जिसे लोगों की भलाई पर खर्च किया जा सकेगा। इस समय पंजाब में पेंशन के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री बादल को सबसे ज्यादा पौने छह लाख रुपए मिलते हैं। हालांकि, आप की सरकार बनते ही उन्होंने पेंशन नहीं लेने का ऐलान कर दिया था। मान के इस फैसले के बाद दूसरे राज्यों पर भी दबाव बनेगा। लोग आप सरकार के इस फैसले की तारीफ़ कर रहे हैं।
मंत्रिमंडल की पहली बैठक में 25 हजार सरकारी नौकरियों को मंजूरी दी गई है. मंत्रिमंडल गठन के फ़ौरन बाद मान की अध्यक्षता में हुई बैठक में युवाओं को रोजगार देने का फैसला किया गया। सरकारी विभागों के साथ ही बोर्डों और निगमों में खाली पड़े 25 हजार पद भरे जाएंगे। विधानसभा चुनावों में प्रचार के दौरान उन्होंने कहा था कि अगर आप सत्ता में आई तो उनके हरे पेन से पहला फैसला रोजगार को लेकर ही होगा. मान ने ऐसा ही किया भी है। पंजाब में इस समय करीब एक लाख पद खाली पड़े हैं, जबकि 36 हजार कर्मचारी नियमित किए जाने के इंतजार में हैं।
पंजाब में तदर्थ आधार पर काम कर रहे 35 हजार कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही विधानसभा में मसौदा रखा जाएगा। अनुबंध और आउट सोर्सिंग सिस्टम से होने वाली भर्तियों को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। नियमित किए जाने वाले कर्मचारियों में सी और डी ग्रुप के 35 हजार कर्मचारी शामिल हैं।
 कच्चे कर्मचारियों की पीड़ा को मान अच्छे से समझ तेहैं. चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें बहुत से कच्चे कर्मचारी मिलते थे. इनमें 18 साल से काम कर रहे कर्मचारी भी शामिल थे, जिनकी नौकरी पर हर वक्त तलवार लटकी रहती है। आप ने उन्हें पक्का करने का वादा किया और जल्दी ही उनको नियमित करने की प्रक्रिया भी शुरु कर दी जाएगी।
 मान ने राज्य के मुख्य सचिव से कहा भी है कि ठेका प्रणाली बंद कर दी जाए. जल्दी ही इसका मसौदा तैयार कर विधानसभा में पारित करवाया जाएगा. इससे पहले कांग्रेस के मुख्यमंत्री के तौर पर चरणजीत सिंह चन्नी ने भी 36 हजार कर्मचारियों को पक्का करने के मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी थी, लेकिन राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की तरफ से कुछ ऐतराज जाहिर करने के बाद यह मामला लटक गया था।
भ्रष्टाचार  पर नकेल कसने के लिए मान ने एक मोबाइल नंबर भी जारी किया है। उन्होंने कहा है कि जिस किसी को भी शिकायत करनी हो,  मोबाइल नंबर 95012-00200 पर व्हाट्सएप के जरिए दर्ज करवा सकता है. लोग चाहें तो रिश्वत मांगने वाले का ऑडियो-वीडियो भी भेज सकते हैं. उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया है कि इस नंबर पर वे सिर्फ भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत ही कराएं।
मान के लोगों को विश्वास दिलाया कि शिकायतों की निष्पक्ष जांच होगी और दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों-अफसरों पर कार्रवाई भी होगी। शिकायतों पर नजर रखने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई है। पहले इस नंबर पर आने वाली शिकायतों की सत्यता की जांच की जाएगी।
फिर दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री दफ्तर से ही आदेश जारी किए जाएंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री दफ्तर को रोजाना रिपोर्ट भेजी जाएगी। कितनी शिकायतें मिलीं और कितनी शिकायतों पर क्या कार्रवाई की गई, लोगों को इससे भी अवगत करवाया जाएगा।
 इन फैसलों का असर दूसरे राज्यों तक भी जाएगा। मान ने बिना देर किए चार बड़े फैसले कर यह संदेश दिया है कि पंजाब में काम करने वाली सरकार आई है। अगर दूसरे राज्यों में भी आप की सरकार बनी तो वहां भी इसी तर्ज पर जनहित के काम होंगे।
 चुनावों के दौरान आप ने हर घर को 300 यूनिट मुफ्त बिजली और 18 साल से बड़ी उम्र की हर महिला को एक-एक हजार रुपए हर महीने देने का भी ऐलान किया था। इसके अलावा रेत नशा और केबल माफिया को खत्म करने के साथ ही सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की हालत सुधारने का भी वादा किया गया था। मान का कहना है कि इन वादों को पूरा करने के लिए भी जल्दी ही कदम उठाए जाएंगे। दूसरे राज्यों तक अपनी सरकार का सही संदेश भेजने के लिए जरूरी है कि बिना देर किए चुनावी वादे पूरे किए जाएं। मान खुद कह चुके है कि इन मामलों में वे कोई देर नहीं करना चाहते।
पंजाब में जीत के बाद आप हिमाचल प्रदेश पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल के साथ पंजाब के मुख्यमंत्री मान भी कंधे से कंधा मिला कर चलेंगे। इसी क्रम में केजरीवाल और मान ने रोड शो के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी को चुना है। रोड शो के लिए छह अप्रैल की तारीख तय की गई है। रोड शो की तैयारियों के लिए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन मंडी में डेरा डालेंगे।
मंडी पहुंचने के बाद स्वास्थ्य मंत्री जैन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में आप सभी 68 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस के कई बड़े नेता उनके संपर्क में हैं। जैन की मौजूदगी में मंडी के कई वकीलों और समाजसेवियों ने आप की सदस्यता हासिल की। भाजपा और कांग्रेस से नाराज चल रहे कुछ नेताओं ने भी जैन से मुलाक़ात की है।
 हिमाचल प्रदेश में इसी साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बीच राज्य में मंडी लोकसभा सहित तीन विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव हुए हैं और भाजपा को चारों ही सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है। पड़ोसी राज्य पंजाब में 92 सीटें जीतने के बाद आप के कार्यकर्ताओं का हौंसला बढ़ाई और यही वजह है कि पार्टी अब हिमाचल पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है।
 आप के सत्ता में आने का असर हरियाणा में भी दिखने लगा है. कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक आप में शामिल हो गए हैं। आप की सदस्यता हासिल करने वालों में पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सैनी, पूर्व मुख्य संसदीय सचिव राजकुमार वाल्मीकि और पूर्व मंत्री बिजेंद्र कादियान बिल्लू शामिल हैं।
इसके अलावा गुरुग्राम से भाजपा के पूर्व विधायक उमेश अग्रवाल और समालखा से पूर्व आज़ाद  विधायक रविंद्र माछरौली ने भी आप की सदस्यता ले ली है। हरियाणा के विधानसभा चुनावों में अभी ढाई साल से ज्यादा का समय बाकी है। आप में शामिल हुए इन पूर्व मंत्रियों और पूर्व विधायकों का ताल्लुक भाजपा से रहा है। आज़ाद विधायक रहते रविंद्र माछरौली ने भी भाजपा सरकार को समर्थन दिया हुआ था।
इस बीच आप ने हरियाणा में स्थानीय निकाय चुनावों में अपने उम्मीदवार खड़े करने का ऐलान किया है। माना जा रहा था कि अगले महीने स्थानीय निकायों के चुनाव कराये जायेंगे, लेकिन हरियाणा सरकार ने शायद हालात को समझते हुए अभी स्थानीय निकाय चुनाव टाल दिए हैं। बहरहाल, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। हरियाणा में चुनाव 2024 में होंगे। आप की आगे की राजनीति हिमाचल और गुजरात के प्रदर्शन पर निर्भर करेगी।

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