- कांग्रेस ने लिया था निर्णय, बहुतों को पहुंचा था लाभ : हरीश
देहरादून। हरीश रावत ने अपने चिरपरिचित अंदाज में नये सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पहली शाबासी दी है। रावत ने यह शाबासी धामी सरकार के उस आदेश पर दी है, जिसमें पति-पत्नी दोनों को बृद्धावस्था पेंशन देने का निर्णय हुआ है। रावत ऐसे राजनीतिज्ञ हैं, जो अच्छे को अच्छा व बुरे को बुरा करने में नहीं चूकते।
रावत ने सोशल मीडिया के जरिये कहा है कि पति-पत्नी, दोनों को वृद्धावस्था पेंशन पुन: दिये जाने का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने लिखा है कि पुष्कर धामी ने अपने पूर्ववर्ती मुख्यमंत्रियों के पाप कुछ सीमा तक धो दिए हैं।
कांग्रेस सरकार के समय में यह पेंशन पति-पत्नी, दोनों को देने का निर्णय लिया गया था, यदि वो 6 साल से ऊपर की उम्र के हैं।
रावत ने कहा है कि कांग्रेस सरकार के द्वारा लिये गये उस फैसले से प्रदेश के हजारों लोग लाभान्वित हुए थे।
भाजपा की सरकार ने बाद में इसको बदलकर केवल एक परिवार-एक पेंशन का नियम लागू कर हजारों महिलाओँ से उनकी पेंशन छीन ली थी।
रावत ने लिखा है कि यदि मुख्यमंत्री पूरी तरह पाप धोना चाहते हो तो जिस दिन से ऐसी पात्र महिलाओं की पेंशन बंद हुई है, उसको उसी दिन से पुन: प्रारंभ कर उसके एरियर का भुगतान करें।
अगर ऐसा हुआ तो वे आगे बढ़कर न केवल धन्यवाद देंगे, बल्कि माला पहनाने भी आएंगे। खैर जो निर्णय लिया गया है, वह भी प्रशंसनीय है।