मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों को 100 दिन का थमाया एजेंडा

मंत्रियों को दिये पुराना स्टाफ नहीं रखने का निर्देश

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ताबड़तोड़ फैसले करना शुरू कर दिये हैं, जिससे सरकार के कामकाज की गति को तेज किया आ सके।

मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रियों को दिये गये निर्देशों के तहत उन्हें पुराना स्टाफ नहीं रखने और अपनी मर्जी से निजी स्टाफ रखने से बचने को कहा गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने और पारदर्शिता बरकरार रखने की अपनी पिछली सरकार की छवि को बनाये रखने के लिये कुछ अहम फैसले किये हैं। इनमें मंत्रियों को 100 दिन के कामों का लक्ष्य तय करने वाला एजेंडा थमाया गया है।

इसके तहत सभी मंत्रियों को अपने विभाग के कामकाज की 100 दिन में समीक्षा कर आगे की कार्ययोजना का मास्टर प्लान बनाना होगा। योगी ने मंत्रियों को ताकीद की है कि मंत्रिमंडल की बैठक में मंत्री को किसी विषय पर अपने विभागों की कार्ययोजना से मुख्यमंत्री को खुद अवगत कराना होगा।

बैठक में मंत्री द्वारा किसी विषय को प्रस्तुत किये जाते समय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव, सिर्फ मंत्री की सहायतार्थ मौजूद रहेंगे। साथ ही मंत्रियों को अगले 100 दिनों के काम से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराना होगा। इतना ही नहीं मंत्रियों को फजूलखर्ची रोकने के उपाय अपनाने को भी कहा गया है।

इसमें अपने लिये सरकारी खर्च पर नयी कार खरीदने से मनाही के अलावा किसी मंत्री को मुख्यमंत्री एवं पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को बताये बिना प्रदेश से बाहर जाने से भी रोका गया है। योगी ने निर्देश दिया है कि मंत्रीगण, दिल्ली की गैरजरूरी यात्रा करने से बचें।

सूत्रों ने बताया कि मंत्रियों को सरकारी या निजी कामों से प्रदेश से बाहर जाने की सूचना देना अनिवार्य होगा। इस निर्देश के पीछे सरकारी खर्च के दुरुपयोग एवं किसी अन्य तरह के विवाद को पनपने से रोकना है।

उन्होंने गैरजरूरी सरकारी खर्च पर लगाम लगाने के लिये मंत्रियों को अपने बंगलों को सजाने, कार्यालय को दुरुस्त करने तथा नया फर्नीचर और लग्जरी कार खरीदने जैसे कामों से बचने को कहा है।

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