कांग्रेस कि बैठक में सभी नेताओं ने खुलकर रखे अपने विचार रखे

नयी दिल्ली। कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कार्यसमिति में पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को एकमत से संगठनात्मक चुनाव तक पार्टी का नेतृत्व करने का अधिकार देते हुए उनसे पार्टी को राजनीतिक चुनौतियों से लड़ने के लिए निरंतर काम करते रहने का आग्रह किया है।

पार्टी ने कहां है कि वह आगामी राजनीतिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए संसद के बजट सत्र के बाद ‘चिंतन शिविर’ का आयोजन करेगी और उससे पहले इसी महीने के आखिर तक कार्य समिति की एक और बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें पार्टी को आगे बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा होगी।

पार्टी को आने वाले चुनावों में किस तरह की रणनीति अपनानी है इस बारे में चिंतन शिविर में विचार विमर्श किया जाएगा। कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और पार्टी के संचार विभाग की प्रमुख रणदीप सिंस सुरजेवाला ने करीब साढे चार घंटे चली कार्यसमिति की बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में कांग्रेस नेतृत्व को लेकर चर्चा हुई जिसमें सभी ने सर्वसम्मति से श्रीमती गांधी को पार्टी नेतृत्व की जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहने का आग्रह किया गया।

जब तक पार्टी मे संगठन के चुनाव नहीं होते हैं वह इस पद पर बनी रहेगी और कांग्रेस का नेतृत्व करती रहेगी। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में पार्टी के समक्ष मौजूद राजनीतिक चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए शीर्ष नेता विचार-विमर्श करेंगे।

उनका यह भी कहना था कि कार्य समिति की एक और बैठक हल्दी होगी जिसमें पार्टी को मजबूत बनाने के मुद्दे पर चर्चा होगी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बैठक में सभी नेताओं ने खुलकर अपने विचार रखे।

सबने खुले मन से अपना पक्ष रखा और पार्टी की रणनीति खामियों पर विस्तार से चर्चा की। पार्टी का मानना है की रणनीति खामियों के चलते चुनाव में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और पंजाब में अंतिम समय में नेतृत्व में बदलाव के कारण अपनी बात जनता तक पहुंचाने का पर्याप्त समय नहीं मिला।

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