हरिद्वार। हरिद्वार विधानसभा सीट पर पांचवीं बार भी मदन के मोहन मंत्र का जादू बरकरार रहा। मदन के मोहन मंत्र में बाबा यानि कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी के अरमान बह गए। हार अनुमान से इतना ज्यादा रही कि कांग्रेसी इसका गम भी नहीं मना सके, जबकि मदन समर्थक दो दिन पहले से ही जीत का जश्न मना रहे थे।
हरिद्वार विधानसभा सीट पर इस बार शुरू से ही भाजपा के मदन कौशिक जो पांचवीं बार विस के चुनाव लड़ रहे थे व कांग्रेस के सतपाल ब्रह्मचारी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी।
बल्कि इस बार जिस प्रकार कांग्रेस ने नशा, महंगाई व भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चुनाव मैदान में हुंकार भरी उसे देखकर लग रहा था कि इस बार मदन कौशिक गच्चा खा सकते हैं। आम लोगों की जुबां पर मतगणना से एक दिन पूर्व तक भी यही कयास थे कि इस बार सतपाल ब्रह्मचारी के पक्ष में परिवर्तन की बयार का लाभ उन्हें जरूर मिलेगा।
सुबह मतगणना शुरू होने पर भी जो पहले, दूसरे, तीसरे चक्र के परिणाम सामने आए उनमें भले ही सतपाल ब्रह्मचारी को अपेक्षित बढ़त तो नहीं मिली लेकिन उन्हें देखकर माना जा रहा था कि अन्तत ब्रह्मचारी को ही तिलक होगा, लेकिन पांचवे चक्र के परिणाम आते आते वोटों का प्रतिशत इस तरह मदन कौशिक के पक्ष में दिखाई दिया कि खुद ब्रह्मचारी ने इसके बाद मतगणना स्थल से बाहर निकलना ही बेहतर समझा।
कुछ लोग मान रहे थे कि 14 चक्रीय मतगणना में अभी भी बहुत कुछ परिवर्तन की गुंजाईश है लेकिन जिन क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त की उम्मीद थी उन क्षेत्रों में भी कांग्रेस के अरमान ढहते चले गए अंतत मदन कौशिक को 17 हजार से अधिक मतों के अंतर से जीत का सेहरा पांचवी बार भी बंध ही गया और कांग्रेस के दिल के अरमां आसुओं में बहते नजर आए।