उत्तरकाशी। गंगोत्री से जो जीता प्रदेश में उसकी सरकार तय है। गंगोत्री का उत्तर प्रदश के समय से चला आ रहा मिथक इस बार भी बरकरार रहेगा। चूंकि यहां से भाजपा प्रत्याशी की जीत के साथ ही प्रदेश में पार्टी की सरकार बनने जा रही है।
इस बार यहां से भाजपा प्रत्याशी सुरेश चौहान को मां गंगा ने अपना आशीर्वाद दिया है। सरकार बनाने के मिथक के लिए प्रसिद्ध गंगोत्री विधानसभा सीट पर इस बार पूरे प्रदेश की नजर रही। खासकर बृहस्पतिवार को गंगोत्री सीट के चुनावी नतीजों पर सियासी पंडों की पैनी नजर थी। जैसे-जैसे रूझान आने शुरू हुए तस्वीर भी साफ होती गई।
प्रदेश में भाजपा की जबरदस्त बढ़त और गंगोत्री से जीत पक्की होते ही तय हो गया कि गंगोत्री का सदियों पुराना चला आ रहा मिथक इस बार भी अटूट रहेगा। अविभाजित उत्तर प्रदेश के दौर से ही गंगोत्री विधानसभा प्रदेश में सरकार बनाने के मिथक के लिए प्रसिद्ध रही है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आने के बाद भी राज्य में हुये पांच चुनाव में भी गंगोत्री का मिथक बरकरार रहा। इस बार गंगोत्री से भाजपा की जीत के साथ ही प्रदेश में पुन: पार्टी की सरकार बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया है।
गंगोत्री सीट पर बनते-बिगड़ते चुनावी समीकरणों के बीच नतीजों से पहले लग रहा था कि इस बार गंगोत्री का मिथक टूट जाएगा, लेकिन मों गंगा का आशीर्वाद और अटूट आस्था वाली इस सीट का मिथक आगे भी सरकार बनाने के लिए प्रचलित रहेगा।
गंगोत्री विधान सभा सीट के लिये राज्य गठन के बाद 2002 में हुये पहले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के विजय पाल सिंह सजवाण विधायक चुने गये तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्तासीन हुई। 2007 में हुये दूसरे विधान सभा चुनाव में भाजपा के गोपाल सिंह रावत विधायक चुने गये। इस दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी।
2012 में हुये तीसरे विधान सभा चुनाव में फिर से कांग्रेस से विजयपाल सिंह सजवाण दूसरी बार विधायक बने तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी। 2017 में चौथे विधान सभा चुनाव में इस सीट पर दूसरी बार भाजपा से गोपाल सिंह रावत विधायक बने तो प्रदेश में भाजपा की सरकार ही सत्तासीन हुई।
2022 में हुये विधान सभा चुनाव में गंगोत्री से भाजपा के सुरेश चौहान ने परचम लहराया है,जिससे इस बार भी चुनाव नतीजों को देखते हुये प्रदेश में भाजपा सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है।