केदारनाथ धाम में जमी है छ: से सात फीट तक बर्फ, तपस्या में लीन हैं बाबा बर्फानी ललित महाराज

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में बर्फबारी जारी है, जिस कारण धाम के तापमान में भारी गिरावट आ गई है। बर्फबारी के कारण धाम में पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़ चुके हैं, जबकि नंदी भगवान की मूर्ति भी बर्फ से ढक चुकी है।

धाम में बाबा बर्फानी ललित महाराज के साथ ही कुछ साधु-संत ही मौजूद हैं, जो सुबह और शाम मंदिर के आगे बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना करने के साथ ही तपस्या कर रहे हैं।
बता दें कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी के कारण छ: से सात फीट तक बर्फ जम चुकी है। बाबा की नगरी में चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। नंदी भगवान भी बर्फ से ढक चुके हैं।

पिछले दिनों मंदिर समिति के कर्मचारियों ने केदारनाथ पहुंचकर नंदी की मूर्ति को  ढक दिया, जिससे मूर्ति को कोई नुकसान ना पहुंचे। धाम में ज्यादा बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़ चुके हैं। अब धाम में अप्रैल माह से पुनर्निर्माण कार्यो को शुरू किया जायेगा। धाम में बाबा बर्फानी ललित महाराज के साथ ही कुछ साधु संत मौजूद हैं, जो बाबा केदार की आराधना कर रहे हैं।

केदारनाथ में शीतकाल के दौरान भारी बर्फबारी का मंजर दिखाई देता है। इस भयंकर ठंड में जीवित रहना बेहद मुश्किल होता है, मगर धाम में कड़ाके की ठंड में भी आध्यात्म की लौ को ललित महाराज जलाए हुए हैं। ललित महाराज आपदा के बाद से धाम में रह रहे हैं।

उनका आश्रम मंदिर से कुछ दूरी पर है। वे सुबह और शाम के समय बाबा केदारनाथ की पूजा-अर्चना कर रहे हैं। बाबा बर्फानी ललित महाराज केदारनाथ भगवान की तपस्या में लीन हैं। धाम में ललित महाराज कुत्तों की सेवा में भी जुटे हैं। इसके अलावा वे साधु संतों की सेवा भी कर रहे हैं। धाम में उन्होंने खाने का सामान रखा हुआ है, जिससे कोई भी समस्या ना हो। बर्फ को पिघलाकर पानी का उपयोग किया जा रहा है।

धाम में ज्यादा बर्फबारी होने से साधु संतो को भी दिक्कतें हो रही हैं। तापमान में भारी गिरावट आने से धाम में रहना भारी मुश्किल हो जात है, बावजूद इसके ललित महाराज धाम में रहकर बाबा की आराधना कर रहे हैं। मंदिर के आगे बर्फ के बीच ललित महाराज बाबा की तपस्या कर रहे हैं। चारों तरफ गिरी बर्फ और जमा देने वाली ठंड भी इनकी साधना के आगे बेअसर दिखाई दे रही है। ललित महाराज वर्ष भर साढ़े 11 हजार फीट की ऊंचाई में केदारनाथ धाम में माइनस डिग्री तापमान की कडक़ड़ाती सर्दी में बाबा केदार का ध्यान करते हुए योगमुद्रा में समाधि की अवस्था मे रहते हैं। वर्षों से ललित महाराज की यही दिनचर्या है। वे असहनीय ठंड के बावजूद केदारनाथ धाम में डटे रहते हैं।

जमा देने वाली ठंड के बीच भी भक्ति में लीन हैं। केदारनाथ मंदिर से लगभग दो सौ मीटर दूर पुराने गढ़वाल मंडल विकास निगम गेस्ट हाउस में ललित महाराज का आश्रम है। ललित महाराज वर्ष 213 की आपदा के बाद से कपाट बंद होने के बाद भी केदारनाथ में रहते हैं और आवारा पशुओं की सेवा के अलावा, वह यात्रा के मौसम में हर दिन तीर्थयात्रियों के लिए भंडारे का आयोजन भी करते हैं। हर साल लाखों लोग भंडारा में शामिल होते हैं। यात्रा शुरू होने से लेकर कपाट बंद होने तक लगातार भंडारा चलता रहता है।

कई बार जब यात्रा सीजन में यात्रियों के रहने के लिये जगह और खाना नहीं मिलता है, तो ललित महाराज यात्रियों को अपने आश्रम में नि:शुल्क ठहराते और खाना खिलाते हैं। यह बाबा केदार का कोई चमत्कार ही है कि बर्फीले इलाके में जहां, ठंड बेहिसाब पड़ती है, वहां ललित महाराज भगवान की तपस्या में लीन रहते हैं। यह किसी दैवीय चमत्कार से कम नहीं है।

बाल्यकाल में घर छोडक़र आध्यात्म का पकड़ा रास्ता

बाबा बर्फानी ललित महाराज मूलत: उत्तराखण्ड राज्य के अल्मोड़ जिले से हैं। बाल्यकाल में उन्होंने घर छोड़कर आध्यात्म का रास्ता पकड़ लिया। जिसके बाद से वे केदारघाटी के विभिन्न क्षेत्रों में रहकर बाबा केदार की आराधना कर रहे हैं।

आपदा के बाद वे जब केदारनाथ धाम पहुंचे तो वे यहां का नजारा देखकर हैरान रह गये और उन्होंने मन में ठान लिया कि वे यहां पर रहकर बाबा की तपस्या के साथ ही देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की मदद करने के साथ ही साधु संतों की सेवा करेंगे। आपदा के बाद सबसे बड़ी समस्या साधु संतों के रहने के लिए हो रही थी। ऐसे में ललित महाराज ने केदारनाथ पैदल मार्ग के पुराने रास्ते पर मंदिर से दो सौ मीटर की दूरी पर एक आश्रम तैयार किया।

धीरे-धीरे इस आश्रम में श्रद्धालु भी पहुंचने लगे और श्रद्धालुओं की मदद से आज यहां पर दो सौ लोगों की रहने और खाने की व्यवस्था की जाती है। वर्ष 213 की आपदा के बाद से बाबा ललित महाराज धाम में रह रहे हैं और केदारनाथ यात्रा के दौरान साधु-संतों की मदद करने के साथ ही तीर्थ यात्रियों के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्था भी करते हैं। बाबा बर्फानी ललित महाराज ने बताया कि तत्कालीन डीएम मनुज गोयल ने धाम में आश्रम निर्माण में उनकी बहुत मदद की, जिसके फलस्वरूप आज साधु संतो के साथ ही धाम में श्रद्धालुओं के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्था हो पाई है।

वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी ललित महाराज की आस्था से काफी प्रभावित हैं। उन्होंने पिछले दिनों चुनाव के दौरान अगस्त्यमुनि में आयोजित जनसभा में ललित महाराज के बारे में जनता को बताया था।

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