मतदाताओं की चुप्पी ने बढ़ाई प्रत्याशियों की मुश्किलें

बूथवार आंकड़ा लेकर जीत के प्रति आश्वस्त हो रहे प्रत्याशी

बागेश्वर । मतदान के बाद भी मतदाता अपनी चुप्पी नहीं तोड़ रहा है। कुछ लोग बस मतदान करना कर्तव्य बता रहे हैं परंतु किसको वोट किया इसका संकेत तक नहीं दे रहे हैं। वहीं आम आदमी पार्टी की धमाकेदार दस्तक ने भाजपा व कांग्रेस को चुनावी पूर्व गणित उलझाने का काम किया है।
जनपद में इस बार पिछले बार से 0.32 प्रतिशत अधिक मतदान हुआ है। जो कि 61.50 प्रतिशत रहा है। जिसमें कपकोट विस में 62.35 प्रतिशत व बागेश्वर विस सीट पर 60.01 प्रतिशत रहा।

मतदान के बाद से प्रत्याशी व उनके समर्थक विभिन्न बूथों में हुए मतदान व उसके अनुमान की गणित में उलझे रहे। कई बूथों में आम आदमी पार्टी की मजबूत दस्तक भी देखी गई। जिससे प्रत्याशी व समर्थक जीत के लिए कोई आंकड़े नहीं बना पा रहे हैं।

इधर समर्थक विभिन्न स्थानों में फोन से बूथवार यह जानकारी लेने का प्रयास कर रहे हैं कि वहां पर किसका दबदबा रहा तो उन्हें इसकी भी जानकारी नहीं मिल पा रही है। मतदाताओं व पोलिंग पार्टी का दायित्व निर्वहन करके वापस आए कर्मचारियों से पूछने पर भी वे दलों को कुछ बता नहीं रहे हैं तथा प्रत्याशियों की चुनाव पूर्व होने वाली धड़कनें बढ़ रही हैं।

अधिक मतदान को लेकर अलग-अलग गणित

इस बार जनपद में मामूली अंक से मतदान प्रतिशत बढ़ा है। इसको लेकर भी प्रमुख दलों का अलग-अलग मानना है। भाजपाई कह रहे हैं अधिक मतदान भाजपा के पक्ष में जाता है तथा जब से मतदान बढ़ा है तो भाजपा को इसका लाभ मिला है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि अधिक मतदान परिवर्तन का संकेत देता है। अब देखना है कि अधिक मतदान किस पर सत्ता का ताज सजाता है।

 युवाओं की सक्रियता से बढ़ा मतदान प्रतिशत

जानकारों का मानना है कि इस बार मतदान प्रतिशत अधिक हुआ तो है परंतु इसे अपेक्षित नहीं कहा जा सकता है क्योंकि यह दशमलव में ही सीमित रहा है। उनका मानना है कि नए मतदाताओं में मतदान के प्रति उत्साह था तथा युवाओं ने ही मतदान की बढ़त को मामूली बढ़त दी है।

इस बार बागेश्वर व कपकोट विस में इस तरह पड़े वोट
विस कुल मतदाता कुल मतदान प्रतिशत
बागेश्वर 118311 79919 60.18
कपकोट 9939 61918 60.35

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