मसूरी। राजकीय सेंट मेरी अस्पताल को खुलवाने की मांग को लेकर मतदान का विरोध कर रहे स्थानीय निवासियों ने एसडीएम के भरोसा देने के बाद मतदान का बहिष्कार वापस लेकर मतदान किया।
राजकीय सेंटमेरी अस्पताल को खोलने की मांग को लेकर स्थानीय निवासियों ने मतदान के बहिष्कार का निर्णय लिया था व अस्पताल के बाहर प्रदर्शन भी किया था।
लेकिन मतदान के दिन एसडीएम नरेश दुर्गापाल ने बहिष्कार में शामिल लक्ष्मी ने फोन पर वार्ता की जिसमें एसडीएम ने कहा कि आपकी मांग जायज है लेकिन यह लोक तंत्र का महाउत्सव है इसमें भाग लेने को पांच साल में मौका मिलता है।
उन्होंने कहा कि आपका विरोध जायज है वहां पर अस्पताल को खोला जाना चाहिए लेकिन मतदान करना भी जरूरी है पहले मतदान करें ताकि जो सरकार आयेगी वह इस पर विचार करेगी क्यों कि यह जनता की ही सरकार होती है। वहीं उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह स्वयं मौके पर जायेंगे व इस मामले को देखेंगे व अस्पताल खुलवाने में सहयोग करेंगे।
उन्होने कहा कि यह मामला प्रशासन के संज्ञान में है इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी में पास पहुंच गयी है उन्होंने सीएमओ को निर्देशित किया है। जिस पर विरोध करने वालों ने चुनाव बहिष्कार वापस लिया व मतदान किया।
पर्यटन नगरी मसूरी में मतदान में कमी
पर्यटन नगरी मसूरी से सटे धनोल्टी विधानसभा में मतदान को लेकर बड़ी संख्या में मसूरी में कार्य करने वाले क्षेत्र के निवासियों के जाने के कारण मसूरी में मतदान में कमी देखने को मिली।
मालूम हो कि मसूरी में अधिकतर कर्मचारी व अन्य धनोल्टी विधानसभा से लेकर टिहरी गढवाल के कई विधानसभा क्षेत्र के लोग निवास करते हैं लेकिन जब भी मतदान होता है तो वह अपने क्षेत्रों में अपने प्रत्याशी को मतदान करने के लिए चले जाते हैं।
इसी कड़ी में करीब डेढ़ हजार से दो हजार लोग अपने प्रत्याशी को मतदान करने धनोल्टी विधानसभा सहित अन्य विधानसभाओं में गये हैं लेकिन प्रमुखत: सबसे अधिक लोग धनोल्टी विधानसभा गये हैं।
हालांकि यहां पर देव प्रयाग व प्रताप नगर, टिहरी विधानसभा के लोगों की संख्या भी बहुत है लेकिन दूर होने के कारण वह नहीं जाते केवल जो प्रत्याशी के नजदीकी लोग होते है वहीं जाते हैं।
धनोल्टी विधानसभा के जितने भी प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं उनका प्रचार का केंद्र मसूरी ही रहा तथा यहां पर आकर ही उन्होंने अपने मतदाताओं के साथ बैठकें की।
लेकिन धनोल्टी विधानसभ नजदीक होने के कारण अधिकतर वहां के मतदाता वहीं वोट देने जाते हैं हालांकि उनके मसूरी में भी वोट है व कई तो मसूरी में वोट देने के बाद धनोल्टी भी वोट देने जाते हैं। जिसके कारण मसूरी में जितना अधिक मतदान होना चाहिए वह नहीं हो पाता।
पूर्व में भी कई बार इस सवाल को प्रशासन व चुनाव आयोग के समक्ष उठाया गया कि पूरे प्रदेश व देश में एक ही मतदाता सूची होनी चाहिए जो आधार से लिंक हो लेकिन अभी तक चुनाव आयोग इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है ऐसे में चुनाव आयोग की निष्पक्ष मतदान करने के उददेश्य पर बटटा लग जाता है। इस पर चुनाव आयोग को गंभीरता से कोई नीति बनानी चाहिए ताकि मतदाता एक ही स्थान पर वोट कर सके।