उत्तराखंड में सीएम चौहान का कांग्रेस पर हमला, कांग्रेस को बताया केकड़ा 

देहरादून। उत्तराखंड में तीन अलग-अलग जनसभाओं को मध्यप्रदेश (MP) के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सम्बोधित किया। चौहान ने सोमेश्वर, ज्वालापुर और हरिद्वार ग्रामीण में जनसभाओं किया। शिवराज ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी एवं मुख्यमंत्री धामी ने मिलकर का राज्य में तेजी से विकास किया है। कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस केकड़ा पार्टी है, जहां सब एक दूसरे की टांग खींच रहे। कांग्रेस कभी उत्तराखंड का विकास नहीं कर सकती। वहां तो आपस में ही लड़ाई है।

चौहान ने कहा- सोनिया, राहुल और प्रियंका ‘सर्प’

चौहान ने कहा कि गांधी परिवार के सदस्य सोनिया, राहुल और प्रियंका ‘सर्प’ हैं। सर्प क्या करता है, ये जनता अच्छे से जानती है। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड को रेल, रोड, मोबाइल और इंटरनेट की कनेक्टिविटी दी। भाजपा चार धाम का भी विकास कर रही है। उत्तराखंड में जनरल बिपिन रावत जैसे भारत मां के सपूत ने जन्म लिया। उत्तराखंड में चार धाम पहले से हैं, वहीं अब भाजपा सरकार पांचवा सैन्य धाम बना रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा-राहुल गांधी को कोई गंभीरता से नहीं लेता

मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें कोई गंभीरता से नहीं लेता। देश में दो कॉमेडी शो हैं। टीवी पर कॉमेडी विथ कपिल और मोबाइल पर कॉमेडी विथ राहुल। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में लव जेहाद पर कानून बनाया गया। उत्तराखंड में भाजपा ने तय किया गया कि जिसने प्यार के नाम पर जिहाद किया, उसे किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ेंगे। कांग्रेस के पास बस चार काम, परिवारवाद, तुष्टीकरण, भ्रष्टाचार और घपले-घोटाले हैं

चार धाम के लिए कांग्रेस ने कभी कुछ नहीं किया

कांग्रेस में तो नेहरू, इंदिरा, राजीव, सोनिया, राहुल और उसके बाद प्रियंका जी हैं। और उनके बाद भी कोई तैयारी कर रहा है। काँग्रेसियों! क्या इनके अलावा, कोई है ही नहीं, तुम्हारी पार्टी में आज कांग्रेस बात कर रही है चार धाम, चार काम। चार धाम वालों तुमने चार धामों के लिए कभी कुछ किया है। भारतीय जनता पार्टी के चार धाम हैं देश की करोड़ों करोड़ जनता के चार धाम है। बद्रीनाथ धाम, बाबा केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री। हम वहां जा कर पूजा करते हैं, आशीर्वाद लेते हैं, और आगे बढ़ते हैं। लेकिन, हरीश रावत जैसों के धाम अलग हैं। चार धाम के लिए क्या किया है, कोई बता दे। कांग्रेस में कपिल सिब्बल कुछ और कहते हैं, आनंद शर्मा कुछ और कहते हैं।

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