देहरादून। कृषि, रक्षा सेवा व महंगाई पर श्वेत पत्र जारी करने के बाद कांग्रेस ने आज बेरोजगारी, शिक्षा व महिलाओं पर अत्याचार मामले पर श्वेत पत्र जारी किया है। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रोफेसर गौरव बल्लभ व रागिनी नायक ने इसका लोकार्पण किया।
रागिनी ने श्वेत पत्र में दिये गये नौकरियों के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत की औसत आयु 28 वर्ष है, इस हिसाब से हम दुनिया के सबसे युवा देशों में हैं, मगर मोदी सरकार डेमोग्राफिक डिविडेंड को डेमोग्राफिक डिजास्टर बनाने पर तुली है।
उन्होंने आरोप लगाया कि संघ परिवार युवाओं की आंखों पर पट्टी बांध कर उन्हें भेड़ बकरियों की तरह बड़ा करना चाहता है, क्योंकि पढ़ा लिखा, प्रतिभाशाली व रोजगार मांगने वाला, तरक्की की सोचने वाला और सवाल पूछने वाला युवा भाजपा और संघ के एजेंडे के लिए सबसे बड़ा खतरा है।
इसलिए भाजपा युवाओं को शिक्षा व रोजगार के बजाय सामाजिक भेदभाव व नफरत भरने का काम करती है।
रागिनी नेे कहा कि जनवरी 2022 में बेरोजगारी की दर बढक़र 7.9 फीसद हो गयी है। शहरी क्षेत्रों में यह दर 10 का आंकड़ा पार कर गयी है।
इसमें सबसे चिंता की बात यह है कि 20 से 29 साल के युवा लोगों में बेरोजगारी सबसे अधिक 28 फीसद है। युवा जितना पढ़ा लिखा है, उतना ही बेरोजगार भी है। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए बड़ी चिंता का विषय है कि 20 से 24 आयुर्व के ग्रेजुएट्स में बेरोजगारी दर 63 फीसद है। इससे भयावह स्थिति और क्या हो सकती है।
महिलाओं में औसत बेरोजगारी 14.28 फीसद है, जबकि शहरी इलाकों में 92 फीसद महिलाओं के पास कोई काम ही नहीं है। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा करके सवा में आये थे, लेकिन पिछले सात साल में 14 करोड़ नये बेरोजगार देना तो दूर पहले से ही नौकरियां कर रहे लोग बेरोजगार हो गये।
कांग्रेस नेत्री ने आरोप लगाया कि लॉकडाउन व नोटबंदी के दौरान देश के भीतर 14 करोड़ लोगों की नौकरियां चली गयी। अकेले नोटबंदी से 50 लाख नौकरियां जाती रही, जबकि बिना सोचे समझे लागू किये गये लॉकडाउन से 12.20 लाख नौकरियां चली गयी। पत्रकार वार्ता में मथुरा दत्त जोशी, राजीव महर्षि, लालचंद शर्मा भी शामिल थे।