कड़ाके की ठंड पर भारी पड़ रहा सियासी पारा

देहरादून। दून में रिमझिम बारिश और कड़ाके की ठंड पर सियासी गर्मी का पारा भारी पड़ रहा है। दो दिन की लगातार बारिश के बीच चुनाव समर में कूदे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों पर ठंड का असर नहीं दिखाई दे रहा।

बारिश के बीच हाथ में छाते लेकर प्रत्याशी और समर्थक मतदाताओं के घरों की चौखट में हाथ जोडक़र खड़े हो रहे है। कोई अपने पांच साल के कार्यों को गिना रहा है, तो कोई किसी की नाकामियों और अपनी भावी योजनाओ का गिना रहा है।

वहीं, सोशल मीडिया में भी प्रत्याशियों का प्रचार जोरों पर है।जनपद देहरादून की दस विधानसभाओं मे 117 प्रत्याशी मैदान में भाग्य अजमाने के लिए तैयार है। कोरोना महामारी के चलते भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से 19 फरवरी तक रैलियों आदि पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। जिसके चलते प्रत्याशियों को काफी पसीना बहाना पड़ रहा है।

ऐसे में मौसम के बदले तेवर प्रत्याशियों के प्रचार में अड़चन डाल रहे है। पिछले दो दिन से लगातार बारिश के चलते तापमान में आई कमी के चलते ठिठुरन वाली ठंड हो रखी है। बावजूद इसके प्रत्याशियों के हौसले बुलंद हो रखे है। गिरते तापमान के बावजूद सियासी गर्मी बढ़ती जा रही है।

दून की दस विधानसभा क्षेत्रों में चकराता की भौगोलिक स्थिति सबसे अलग है। चकराता विधानसभा में कुल एक लाख चार हजार 712 मतदाता है। जिसमें 57018 पुरूष व 47591 महिला मतदाता है। चकराता का अधिकांश हिस्सा पर्वतीय है।

बारिश के चलते इस क्षेत्र में जमकर बर्फवारी हो रही है। जिसके चलते गांव-गांव की पगड़ंडियों को प्रत्याशियों को नापना पड़ रहा है। बर्फबारी के बाजजूद प्रत्याशी अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंचने के लिए सुबह होते ही घरों से निकल रहे है। वहीं, मसूरी विधानसभा क्षेत्र का भी अधिकांश हिस्सा पर्वतीय है। यहां एक लाख 30 हजार 677 मतदाता है। जिसमें 68350 पुरुष, 62307 महिला व 20 थर्ड जेंडर मतदाता है।

इसके अलावा दोनों विधानसभाओं में सर्विस वोटर और अन्य कैटेगरी के मदाताओं की संख्या अलग है। हालांकि मसूरी विधानसभा कैंट, राजपुर और रायपुर से सटी हुई है। लेकिन इसका भी अधिकांश हिस्सा गांव के मतदाताओं तक पहुंचता है।

ऐसे में लगातार हो रही बारिश के बावजूद मसूरी विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी भी लोगों के घर-घर पहुंच रहे है, तो कई जगहों पर छोटी-छोटी सभाएं कर अधिक से अधिक मतदाताओं तक पहुंच बनाने में लगे है।

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