नयी दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अगले 25 वर्ष में भारत में विश्व स्तरीय आर्थिक, सामाजिक अवसरंचना स्थापित करने तथा हर गांव और बस्ती को विकास की राह से जोड़ने के संकल्प के साथ पेश 2022-23 के बजट में सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में भारी बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया है।
बजट में पीएमगति शक्ति, समावेशी विकास, उत्पादकता संवर्द्धन तथा उभरते क्षेत्रों में निवेश प्रोत्साहन और निवेश के लिए वित्तीय संसाधनों की सुविधा मुहैया कराने पर जोर दिया गया है।
बजट में एकीकृत परिवहन एवं लाजिस्टिक्स सुविधाओं पर केद्रित प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना को गति देने, विद्युत चालित यात्री वाहनों को बढ़ावा देने, शहरी सुविधाओं के विकास, कार्बन उत्सर्जन कम करने, आधुनिक जरूरतों की दृष्टि से कौशल विकास की नयी पहल, स्वास्थ्य और सरकारी स्कूलों में ई-कक्षों के विस्तार की घोषणा की गयी है।
वित्त मंत्री ने बजट भाषण के शुरू में कहा कि आजादी का यह अमृत महोत्सव वर्ष में अगले 25 वर्ष के विकास की आधारशिला रखने का अवसर है। बजट में व्यक्तिगत आय कर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है लेकिन करदाताओं को दो साल के भीतर संशोधित आयकर विवरण प्रस्तुत करने का मौका दिया है। सहकारी संस्थाओं पर कर की न्यूनतम वैकल्पिक दर 18.5 से घटा कर 15 प्रतिशत कर दिया गया। छोटी सहकारी संस्थाओं पर सरचार्ज 12 से घटाकर सात प्रतिशत किया गया है।
वित्त मंत्री ने राज्य कर्मियों को नयी पेंशन योजना में अंशदान पर आयकर में कटौती का लाभ अब 10 की जगह केंद्रीय कर्मियों के समान 14 प्रतिशत की दर से मिलेगा। सुश्री सीतारमण ने मेक इन इंडिया और देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए बहुत से क्षेत्र की मशीनरी और पूंजीगत सामान पर छूट को समाप्त करने की भी घोषणा की है।
आगामी अक्टूबर से इथेनाल के मिश्रण के बिना बिकने वाले पेट्रोल पर कर भार दो रुपये लीटर बढ़ जाएगा। श्रीमती सीतारमण ने कुल 39.45 लाख करोड़ रुपये के बजट में 7.50 लाख करोड़ रुपये के व्यय का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि पूंजीगत खर्च के लिए राज्यों को दी जाने वाली सहायता और अनुदान को भी जोड़ लें तो इस बार के बजट में कुल 10.68 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय की व्यवस्था होगी जो सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 प्रतिशत के बराबर होगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह पूंजीगत व्यय के प्रावधान को पिछले साल का 2.2 गुना कर दिया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत खर्च से बुनियादी आर्थिक ढांचे के विकास के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियों को बल मिलता है और रोजगार के नये अवसर सृजित होते हैं।
उन्होंने राज्यों को बुनियादी ढांचे और शहरी क्षेत्र के विकास में निवेश के लिए राज्यों को वर्ष 2022-23 में एक लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त संसाधन सुलभ कराने की घोषणा की। इसके तहत राज्य कुल मिला कर एक लाख करोड़ रुपये के दीर्घकालिक बांड जारी कर सकेंगे, जिनकी मियाद 50 साल की होगी और उन पर ब्याज नहीं देना होगा।
जलवायु परिवर्तन संबंधी पहलों के वित्त पोषण के लिए सरकार ग्रीन बांड जारी करेगी जिसका पैसा जलवायु परिवर्तन और स्वच्छ विकास की परियोजनाओं पर खर्च किया जाएगा। बजट में पहाड़ी क्षेत्रों में संपर्क बढ़ाने के लिए पर्वत माला रोप-वे योजना, वंदे भारत रेलगाड़यिों के निर्माण को तेज करने, गंगा के किनारे पांच किलो मीटर के दायरे में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने, मोटे अनाजों के प्रसंकरण, केन-बेतवा और नदी संयोजन की पांच अन्य योजनाओं पर काम आगे बढ़ने की घोषणा की गयी है।
श्रीमती सीतारमण ने कोरोना काल में शुरू की गयी आपातकालीन ऋण गारंटी योजना को मार्च 2023 तक तक बढ़ने की घोषणा की। बजट में ड्रोन शक्ति स्टार्टअप योजना की भी घोषणा की। बजट में एक डिजिटल विश्वविद्यालय स्थापित करने, राष्ट्रीय टेली मेंटल हेल्थ कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की गयी है।
बजट में उत्तर के सीमावर्ती गावों तक सड़क, सम्पर्क तथा सौर ऊर्जा की सुविधा करने, शहरी क्षेत्रों में स्वस्थ जीवन शैली पर सुझाव देने के लिए उच्च स्तरीय समिति के गठन, 75 जिलों में 75 गावों में डिजिजट बैंक सुविधा, भारत नेट योजना के तहत गावों को ब्राड बैंक नेटवर्क से जोड़ने के लिए यूएसओ कोष (सर्वत्र सेवा कोष) से पांच प्रतिशत धन देने की घोषणा की।