नयी दिल्ली । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में डिजिटल लेनदेन में हो रही बढोतरी का हवाला देते हुये सेमवार को कहा कि देशवासी बदलाव और तकनीक को तेजी से अपना रहे हैं।
राष्ट्रपति ने बजट सत्र के शुभारंभ के मौके पर संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुये कहा कि जनधन, आधार मोबाइल (जैम) ट्रिनिटी को सरकार ने नागरिक सशक्तिकरण से जोड़ा है। उसका प्रभाव भी लगातार दिख रहा है।
देश में 44 करोड़ से अधिक गरीब देशवासियों के बैंकिंग सिस्टम से जुड़ने के कारण महामारी के दौरान करोड़ों लाभार्थियों को सीधे नकद हस्तातंरण का लाभ मिला है।
उन्होंने डिजिटल इंडिया और डिजिटल अर्थव्यवस्था के बढ़ते प्रसार के संदर्भ में देश के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस(यूपीआई) की सफलता के लिए सरकार के दृष्टिकोण की प्रशंसा करते हुये कहा कि देश में आठ लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का लेनदेन यूपीआई के माध्यम से हुआ है।
राष्ट्रपति ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देने में महिलाओं की भूमिका अधिक बढ़ती जा रही है। 2021-22 में 28 लाख स्व सहायता समूहों को बैंकों से 65हजार करोड़ रुपये की मदद दी गयी है। यह राशि वर्श 2014-15 की तुलना में चार गुना अधिक है।
उन्होंने देश के स्टार्टअप ईको सिस्टम का उल्लेख करते हुये कहा कि युवाओं के नेतृत्व में 2016 से देश में 56 अलग अलग क्षेत्रोें में 60 हजार से अधिक नये स्टार्टअप बने हैं। इन स्टार्टअप के जरिये छह लाख से अधिक रोजगार का सृजन हुआ है।
वर्ष 2021 में कोरोना काल में भारत में 40 से अधिक यूनिकॉर्न स्टार्टअप अस्तित्व में आये जिनमें से प्रत्येक का मूल्य 7400 करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से भारत एक बार फिर विश्व की सबसे तेजी से विकसित हो रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है।
उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह का उल्लेख करते हुये कहा कि पिछले कई महीनों से जीएसटी राजस्व संग्रह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक बना हुआ है। इस वित्त वर्ष में पहले सात महीनेों में 48 अरब डॉलर का विदेशी निवेश आना इस बात का प्रमाण है कि अंतरराष्ट्रीय निवेशक भारत के विकास को लेकर बहुत आश्वास्त है।
उन्होंने कहा कि इस समय देश का विदेशी मुद्रा भंडार 630 अरब डॉलर के ऊपर है। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से आज भारत उन देशों में है जहां इंटरनेट की कीमत सबसे कम है तथा स्मार्टफोन की कीमत भी सबसे कम है।
इसका बहुत बड़ा लाभ भारत की नौजवान पीढ़ी को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है। देश में मोबाइल फोन उत्पादन की सफलता , मेक इन इंडिया का एक बड़ा उदाहरण है। आज भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा है। इससे देश के लाखों युवाओं को रोजगार भी मिला हुआ है।