भावुक गजराज ने कहा ‘ अलविदा भाजपा ’

कालाढूंगी से टिकट न मिलने से निर्दलीय दाखिल किया है पर्चा

  • गरीब और दिल्ली संपर्क न रखने वाला भाजपा का नहीं हो सकता है प्रत्याशी
  • भाग्य जनता ही बनाती है भगत को दी खुली चुनौती, चौंतीस साल से कर रहे थे पार्टी के लिए काम

हल्द्वानी । कालाढूंगी सीट से इस बार भी टिकट न दिए जाने से नाराज गजराज सिंह बिष्ट ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। उन्होंने भावुक होकर इसका एलान किया और कहा कि पिछले चौंतीस साल के सफर में वे आज तक अपने साथ न्याय की उम्मीद में थे।

उन्होंने कहा कि अब उन्होंने अपने को कालाढूंगी की जनता को समर्पित कर दिया है। जनता जो भी फैसला करेगी वह स्वीकार होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही भाग्य बनाती और बिगड़ती है, बंशीधर भगत गलतफहमी में हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य गठन के बाद अब तक कालाढूंगी में विकास के नाम पर भगत एक भी काम नहीं गिना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अब सवाल यह है कि जो दिल्ली नहीं जा सकता, पैसे नहीं दे सकता उसको टिकट नहीं मिल सकता है।

यह आरोप गजराज ने शनिवार को रामपुर रोड के एक बैंकट हाल में पत्रकारों से बातचीत में लगाया। उन्होंने कहा कि वे 2002 से चुनाव लडऩे के इच्छुक थे, वे भाजपा के साथ तब से जुड़े हैं, जब भाजपा की स्थिति बहुत खराब थी। इसके बाद 2007 में वे हल्द्वानी से चुनाव लडऩा चाहते थे।

तब पार्टी ने कहा कि यह चुनाव बंशीधर भगत का आखिरी चुनाव है। 2008 में विस सीटों के परिसीमन के बाद कालाढूंगी नई विस सीट बन गई। उन्होंने तभी से कालाढूंगी से चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी थीं। 2012 में फिर भगत को टिकट दे दिया गया। तब कहा गया कि यह भगत का आखिरी चुनाव है। वे मान गए। फिर 2017 में कहा गया कि अब भगत 69 साल के हो गए हैं, अगली बार से 70 पार के लोगों को टिकट नहीं दिया जाएगा।

यह पार्टी का नीतिगत फैसला है। अब 2022 आपके सामने हैं। इस बार भी पार्टी ने टिकट बंशीधर भगत को ही दिया है।

उन्होंने कहा कि टिकट मिलने के बाद बंशीधर भगत ने पहली प्रतिक्रिया में कहा कि वे तो बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे। उन्होंने कहा कि अब इस बात को भी समझा जा सकता है। अगली बार भगत के बेटे को टिकट मिलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी बड़े नेता पार्टी को एक परिवार मानते हैं।

उन्होंने कहा कि अब सवाल उनको टिकट मिलने या न मिलने का नहीं है। सवाल यह है कि इस राज्य में भाजपा पढ़े, लिखे, गरीब युवाओं को टिकट नहीं देगी। उन्होंने कहा कि जिनके पास पैसा नहीं है उनको टिकट नहीं मिलेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि टिकट वितरण करते समय राज्य एवं केंद्रीय नेतृत्व ने हल्द्वानी से टिकट लेने की बात की। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देशभर में नगर निकाय के अध्यक्षों को टिकट न देने की नीति बनायी है, लेकिन लगातार दूसरी बार महापौर डा. जोगेंद्र पाल सिंह रावत को टिकट मिल गया है।

यह किस तरह का परिवार है उन्होंने कहा कि केवल चुनाव लडऩे के लिए पार्टी में शामिल नैनीताल से सरिता आर्या और भीमताल से राम सिंह कैड़ा को टिकट दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो लोग कई सालों से जनता के बीच में काम कर रहे हैं उनका क्या होगा

मीडिया के सवालों के उत्तर में कई बार भावुक हुए गजराज ने कहा कि अब वे अपनी राह खुद बनाने निकले हैं। उन्होंने अपने चौतींस साल भाजपा को सींचने में लगाए। अब वे जनता की अदालत में हैं।

रविवार को विराज बैंकट हाल में चुनाव जीतने की रणनीति के लिए एक बैठक बुलायी गई है। इस बैठक के बाद वे कालाढूंगी के विकास का नारा लेकर चुनाव प्रचार पर करेंगे। इस मौके पर प्रमोद बोरा, त्रिवेणी ग्याल, लखविंदर सिंह, पंकज जोशी आदि भाजपा नेता मौजूद थे।

अब बहुगुणा सिखा रहे हैं अनुशासन

कालाढूंगी से बागी भाजपा प्रत्याशी गजराज सिंह बिष्ट ने कहा कि 213 की केदारनाथ आपदा के बाद भाजपा नेताओं ने तत्कालीन सीएम विजय बहुगुणा को सबसे भ्रष्ट नेता बताया था। वे भी कई बार मंचों से बहुगुणा को राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी कह चुके हैं। अब भाजपा में आने के बाद यही बहुगुणा कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ सिखाने लगे हैं।

कौन किसको निपटाएगा 10 मार्च को तय होगा

गजराज ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी ने उनके चुनाव लडऩे पर यही निपटा देने की चुनौती दी है। उन्होंने कई कार्यकर्ताओं को यह संदेश भेजा है। अब कौन किसको निपटाएगा यह दस मार्च को तय हो जाएगा।

उन्होंने दावा किया कि वे अब भाजपा में नहीं हैं। उन्होंने एक सवाल के उत्तर में कहा कि उन्होंने 2007 में ही पार्टी छोड़ देनी चाहिए थी।

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