कुमाऊं में अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ नहीं थम रहा है विरोध
भाजपा में ज्यादा तो कहीं कहीं कांग्रेस भी होने लगी लहूलुहान
- कई नाराज नेता लड़ सकते हैं चुनाव, मान मनौव्वल का दौर जारी
हल्द्वानी । पहली सूची जारी होने के बाद कांग्रेस और भाजपा के भीतर के विरोध ने दोनों दलों के हाईकमान की नींद गायब कर दी है। प्रभारी और प्रभावशाली नेताओं को मान मनौव्वल मिशन पर लगाने के बावजूद अभी तक धारचूला से लेकर जसपुर तक की करीब आधे दर्जन से ज्यादा सीटों में भाजपा कांग्रेस के भीतर जबरदस्त विरोध के स्वर सुनाई दे रहे हैं। करीब चार सीटों ने नाराज नेताओं ने नामांकन पत्र भी खरीद लिए हैं।
बेरीनाग में टिकट के प्रबल एक दावेदार भीम कुमार ने गंगोलीहाट से नामांकन पत्र खरीद लिया है। भीम कुमार का कहना है कि बाहरी व्यक्ति को टिकट देकर पार्टी ने आम कार्यकर्ता के साथ मजाक किया है। जबिक पूर्व विधायक नारायण राम आर्य ने खुलकर पूर्व सीएम हरीश रावत की आलोचना की है।
उन्होंने इसे एक बड़ा धोखा कहा है। भाजपा पूर्व विधायक मीना गंगोला भी रोष में हैं,वे कोपभवन में चली गई हैं। मुनस्यारी से लेकर धारचूला तक भाजपा अधिकृत प्रत्याशी का भारी विरोध हो रहा है।
इससे सटे बागेश्वर विस सीट में कांग्रेस प्रत्याशी का विरोध हो रहा है तो कपकोट विस में पूर्व भाजपा विधायक शेर सिंह गड़िया अपने पत्ते खोलने जा रहे हैं। वे भारी नाराज हैं। उनके साथ करीब सौ से ज्यादा नेता पहले ही त्याग पत्र दे चुके हैं। ये लोग सुरेश गड़िया का भारी विरोध कर रहे हैं।
बालकृष्ण के बाद कांग्रेस के दूसरे दावेदार भैरव नाथ के भी बगावती सुर तेज हो गए हैं। रंजीत दास तथा भैरव नाथ भी नाराज हैं। इनमें से भैरव नाथ ने नामांकन पत्र खरीद लिया है। उन्होंने सोमवार को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आवेदन पत्र ले लिया है। उनका कहना है कि जब पर्यवेक्षक की सूची में उनका नाम था तो अंतिम समय में कैसे कट गया।
यह किसी भी कार्यकर्ता को हजम नहीं हो रहा है। अब वह पार्टी छोड$कर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरेंगे। उन्होंने आवेदन पत्र भी ले लिया है। दो-दो दावेदारों के बगावती होने से पार्टी के सामने चुनौती खड़ी हो गई है।
अल्मोड़ा विस में भाजपा प्रत्याशी कैलाश शर्मा का भारी विरोध चल रहा है। पूर्व विधायक एवं डिप्टी स्पीकार रघुनाथ सिंह विरोध में उतर गए हैं। इनके साथ काफी समर्थक बताए जा रहे हैं। वे अभी कोपभवन में चले गए हैं। भाजपा के ही जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ललित लटवाल भी विरोध में हैं।
समर्थकों से बातचीत के बाद चुनाव लडऩे या न लडऩे का फैसला करेंगे। भीमताल में मंडी समित अध्यक्ष मनोज साह ने चुनाव लडऩे के लिए नामांकन पर्चा खरीद लिया है। गोविंद सिंह बिष्ट पहले से नाराज हैं। आशा रानी नाराज हैं। वे 27 को बैठक करने के बाद फैसला करेंगे। ये लोग राम सिंह कैड़ा का भारी विरोध कर रहे हैं। अब कांग्रेस पीसीसी सदस्य पाल सिंह मेहरा एवं पुष्कर सिंह मेहरा ने दान सिंह भंडारी को टिकट देने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है।
चम्पावत में कई भाजपा नेता अधिकृत प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं और कुछ कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। लोहाघाट में भी अधिकृत प्रत्याशी का विरोध देखने को मिल रहा है। यहां कांग्रेस और भाजपा के कई नेता अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ खुलकर तो नहीं लेकिन अंदर खाने विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस को सबसे ज्यादा विरोध का खतरा किच्छा सीट से तिलक राज बेहड़ का झेलना पड़ रहा है। यहां गणेश उपाध्याय, पुष्कर जैन, नारायण सिंह बिष्ट, हरीश पनेरू, राजेश प्रताप सिंह, संजीव कुमार, सुरेश पपनेजा विरोध कर रहे हैं। इनमें पनेरू बागी चुनाव करने का ऐलान कर दिया है।
अन्य नाराज नेता बैठक कर रहे हैं। इनको मनाने के लिए कांग्रेस राजस्थान प्रभारी बीएस चौधरी नाराज नेताओं को मनाने में लगे हैं। जसपुर, बाजपुर में कांग्रेस अधिकृत प्रत्याशी को भारी विरोध झेलना पड़ रहा है तो काशीपुर में टिकट के कई भाजपा दावेदारों ने बगावत का बिगुल बजा दिया है। एक तरह से भाजपा और कांग्रेस दोनों इस चुनाव में बगावती तेवरों से परेशान हैं। इससे अनुशासन तो टूट ही रहा है साथ ही टिकट चयन में पार्टियों की रणनीति पर भी सवाल उठ रहे हैं।