बर्फबारी की जद में आए चमोली के 117 गांव

गोपेश्वर। चमोली जिले में मौसम के बिगड़े मिजाज के बीच 117 गांव बर्फबारी की जद में आ गए हैं। इस कारण दूरस्थ गांवों के लोगों को हाड़ कंपाती ठंड के बीच मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करना चुनौती बन गई है।
जिले में मौसम सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। उच्च हिमालयी क्षेत्रों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण हिमालय से सटे 117 गांव बर्फबारी की चपेट में आ गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि जोशीमठ के सर्वाधिक गांव बर्फबारी की जद में आए हैं।
बर्फबारी के कारण ग्रामीणों का जीवन बदहाल हो गया है। हाड़ कंपाती ठंड के कारण लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। इस कारण वर्फीले गांवों में लोगों के सामने मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करना चुनौती बन गया है। ठिठुरन भरी ठंड के कारण उच्च हिमालयी क्षेत्र से सटे गांवों में जनजीवन बेहाल होकर रह गया है।
इस बीच बदरीनाथ धाम वर्फबारी से पूरी तरह लकदक हो गया है। विश्व विख्यात हिम क्रीड़ा केंद्र औली के वर्फबारी से लबालब होने के कारण पर्यटक प्रकृति की अद्भुत सौगात का दीदार करने औली पहुंच रहे हैं। जोशीमठ-औली सडक़ वर्फबारी से ढकी पड़ी रहने के कारण आवाजाही में मुश्किलें आ रही हैं।
हालांकि पर्यटकों की मदद के लिए पुलिस ने कमान संभाल ली है। इसके चलते तमाम पर्यटक वाहनों को वर्फ से सुरक्षित निकाल कर गंतव्य तक पहुंचाया जा रहा है। रूद्रनाथ, हेमकुंड साहिब, अनुसूया देवी, बमियाला, कुजौ-मैकोट, डुमक-कलगोठ, उर्गम घाटी, पाणा-इराणी, नीती तथा माणा घाटियों के साथ देवाल तथा पोखरी ब्लाक के उच्च हिमालयी क्षेत्रों से सटे गांव वर्फ से लबालब हो गए हैं। गैरसैंण से सटी दूधातोली पर्वत श्रृंखला भी वर्फ से लबालब हो गई है। मौसम के बिगड़े मिजाज के बीच लोगों का घरों से बाहर निकलना मुश्किल भरा साबित हो रहा है। पहाड़ों में लोगों का प्रकृति से जूझना नियति बन गया है। इसलिए लोग कडाके की ठंड में भी गृहस्थी संचालित करने को विवश हैं।

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