अगरतला। त्रिपुरा भाजपा के दो असंतुष्ट विधायकों – पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुदीप रॉयबर्मन और आशीष कुमार साहा ने पार्टी छोड़ने के संकेत दिए हैं। दोनों ‘राज्य को आपदा से बचाओ संदेश भेजकर’ अपने समर्थकों से मिल रहे हैं जिससे भी उनके पार्टी छोड़ने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
रॉयवर्मन ने अगला चुनाव भाजपा के टिकट से नहीं लड़ेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव के चार साल के शासन के दौरान राज्य ‘भ्रष्टाचार का अड्डा, राजनीतिक घृणा और निरंकुश ध्रुवीकरण की भूमि’ बन गया है।
उन्होंने मीडिया से कहा, हमने अब तक उत्तर त्रिपुरा, दक्षिण त्रिपुरा और पश्चिम त्रिपुरा का व्यापक दौरा किया है और भाजपा सहित विभिन्न दलों के स्थानीय नेताओं के साथ बातचीत की है। लोगों ने इस सरकार के कामकाज, हिंसा और चुनावी वादों को पूरा न करने और भाजपा में हमारी वर्तमान स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की अनुचित गतिविधियों, भाजपा नेताओं और विधायकों के बीच बढ़ते गुटबाजी को पिछले दो वर्षों में कई बार केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के संज्ञान में लाया गया लेकिन हर बार उन्होंने आश्वासन दिया कि मुद्दों को हल करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। लेकिन कुछ नहीं किया गया।
रॉयवर्मन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम के कुछ सदस्य अपना अधिकांश समय दूसरों को बिगाड़ने में लगा रहे हैं और जो कोई भी सरकार की बुराइयों की आलोचना कर रहा है या वर्तमान व्यवस्था का विरोध कर रहा है, उसके खिलाफ पुलिस एवं प्रशासन का इस्तेमाल प्रतिशोध तथा साजिश रचने के लिए किया जा रहा है।
उन्होंने कहा,केंद्रीय भाजपा नेताओं के एक वर्ग के इशारे पर त्रिपुरा में यह एक दिनचर्या बन गई है, जो अब असहनीय है। उन्होंने कहा,लोगों ने 2018 में माकपा के कुशासन के खिलाफ मतदान किया । उन्होंने हमारा चेहरा और वामपंथियों के खिलाफ एकजुट विपक्ष देखा। करीब 43 प्रतिशत वोट के साथ, भाजपा ने 36 सीटें हासिल कीं और हमने मुख्यमंत्री के रूप में श्री देव के साथ सरकार बनाई। हमने शासन बहाल करने और जन-समर्थक सरकार स्थापित करने की उम्मीद की, लेकिन आज मैं स्वीकार करता हूं कि कोई अच्छा काम नहीं किया जा रहा है और सत्ता विरोधी लहर है चरम पर है।
रॉयवर्मन ने कहा, ‘‘हमने स्थिति का जायजा लिया है और बहुत जल्द हम राजनीति में अपने भविष्य के बारे में निर्णय लेंगे। भाजपा ने न केवल त्रिपुरा के लोगों, बल्कि विधायकों और वरिष्ठ राजनेताओं को भी धोखा दिया और परिणामस्वरूप, हमारे बच्चों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। हम अब इस पार्टी और ऐसे नेताओं के साथ नहीं रह सकते। उन्हें अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए लड़ने दें, हम त्रिपुरा के भविष्य का ख्याल रखेंगे।