लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित बताते हुये प्रदेशवासियों से अपील की है कि बीमारी से घबरायें नहीं बल्कि भीड़ में जाने से बचें और सावधानी एपवं सतर्कता बरत कर इस संक्रमण से बचें।
योगी ने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनीवर्सिटी (केजीएमयू) में कोरोना प्रबंधन के इंतजामों का जायजा लेने के कहा कि श्रेष्ठ कोरोना प्रबंधन के कारण ही प्रदेश में तीसरी लहर को निष्प्रभावी साबित किया जा सका है।
उन्होंने कहा कि कोरोना का नया वैरिएंट यद्यपि कम खतरनाक है, लेकिन इसका संक्रमण बहुत तेजी से फैलता है। इसलिये इसकी संक्रामकता को देखते हुये सभी को सावधानी बरतनी होगी। खासकर बुजुर्गों, पहले से बीमार व्यक्तियों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस समय कोरोना के 1.3 लाख सक्रिय मामले हैं। इनमें से सिर्फ 1.1 प्रतिशत से भी कम मरीजों को अस्पताल ले जाने की जरूरत हुयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक मामले लखनऊ में हैं।
योगी ने कहा, मैंने आज केजीएमयू का निरीक्षण किया। सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति गठिति की है जो लखनऊ में सर्वाधिक संक्रमण की वजह पता करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों ने माना है कि भारत की वैक्सीन सर्वाधिक प्रभावी मानी गयी है। इसकी पर्याप्त खुराक उपलब्ध करायी गयी हैं।
उन्होंने कहा कि उप्र में अभी तक 22.87 करोड़ टीके की डोज उपलब्ध करायी जा चुकी हैं। इनमें से 15 से 18 आयुवर्ग के लोगों को 51.37 लाख डोज और 60 साल से अधिक उम्र वाले कोमोर्बिड लोगों को 3.87 लाख बूस्टर डोज दी जा चुकी है।
इसके अलावा 18 साल से अधिक आयु वाले 13.75 करोड़ पहली डोज 8.60 करोड़ दूसरी डोज दी गयी हैं। योगी ने कहा कि लखनऊ में 72 प्रतिशत लोगों को दोनों डोज लग गयी है। टीकाकरण अभियान की कामयाबी का ही नतीजा है कि तीसरी लहर हावी नहीं हो पायी।
उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रदेश में 9.61 करोड़ टेस्ट किये गये। योगी ने कहा कि हर जिले ने आक्सीजन की उपलब्धता के मामले में आत्मनिर्भरता प्राप्त कर ली है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में 558 आक्सीजन प्लांट सक्रिय हैं। इनमें से लखनऊ में 36 प्लांट लगाने की तैयारी है और इनमें से 29 प्लांट सक्रिय हैं। उन्होंने कहा कि केजीएमयू में कोरोना के 35 मरीज भर्ती है। इनमें से चार मरीज ही वेंटिलेटर पर हैं।