कांग्रेस ने की बदरी-केदार मंदिर समिति के गठन की शिकायत
कांग्रेस का आरोप, आचार संहिता लगने के बाद की गयी नियुक्तियां
- प्रकरण से संबंधित कम्प्यूटर व दस्तावेज आयोग को सौंपने की मांग
देहरादून। आचार संहिता लागू होने के बाद शिक्षा विभाग में बड़े पैमाने पर हुए तबादलों के मामले में सरकार को बैकफुट पर लाने के बाद अब कांग्रेस ने बदरी-केदार मंदिर समिति की नियुक्तियों का मामला उठा दिया है। कांग्रेस ने इस मामले को निर्वाचन आयोग के सामने उठाया है।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की ओर की गयी शिकायत में आरोप लगाया है कि सरकार ने ये नियुक्तियां आचार संहिता लगने के बाद की हैं। यह पूरी तरह नियम विपरीत है, इसलिए इन नियुक्तियों को रद्द किया जाए। कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया है कि आचार संहिता लागू होने के बाद की गयी नियुक्तियों को पूरी तरह अवैध मानते हुए निर्वाचन आयोग इन नियुक्तियों को रद्द करने के आदेश सरकार को दे।
कांग्रेस ने अपने आरोपों की पुष्टि के लिए निर्वाचन आयोग से मांग की है कि जिस कम्प्यूटर में इन नियुक्तियों की पत्रावली का ड्राफ्ट बना है, आयोग उसकी जांच कर ले तो साफ हो जाएगा कि सरकार ने आचार संहिता लगने के बाद बैकडेट में ये सभी नियुक्तियां की हैं।
कांग्रेस उपाध्यक्ष व मीडिया सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने बदरी-केदार मंदिर समिति व अन्य नियुक्तियों के मामले को मुख्य चुनाव आयोग तक ले जाने के भाजपा की प्रतिक्रिया पर सरकार को घेरा है।
उन्होंने कहा है कि भाजपा को लगता है कि कांग्रेस गलत मुद्दा उठा रही है तो भाजपा नेता अपनी सरकार को कहें कि वे इन नियुक्तियों से संबंधित सभी दस्तावेज व कम्प्यूटर आदि चुनाव आयोग को सौंपने के लिए कह दें।
उन्होंने फिर से दोहराया है कि अचार संहिता लगने के बाद ही सब नियुक्तियां हुई हैं, इतने समय तक सरकार सोती रही है जब अचार संहिता लग गई तो सरकार ने बैकडेंट में नियुक्तियों को किया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने पिछले दिनों बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष के रूप में वरिष्ठ भाजपा नेता अजेंद्र अजय के साथ ही एक उपाध्यक्ष व कई सदस्यों की नियुक्ति भी की है।इन नियुक्तियों के आदेश भी अंतिम समय में आने से सरकार इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के निशाने पर आ गयी है।