स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ अदालत ने जारी किया वारंट 

सुलतानपुर। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ सुलतानपुर स्थित एमपी एमलए कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है।  अभियोजन पक्ष ने बताया कि वर्ष 2016 में हिन्दू देवी,देवताओं के बारे में अभद्र टिप्पणी करने के आरोप में मौर्य के खिलाफ सुलतानपुर में मामला दर्ज किया गया था।

मौर्य अदालत के नोटिस पर हाजिर नहीं हो रहे थे। इस पर कार्रवाई करते हुये एमपी-एमएलए कोर्ट के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट योगेश यादव ने मौर्य के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया है। विदित हो कि इस मामले में मौर्य के खिलाफ स्थानीय अधिवक्ता अनिल तिवारी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 295- ए के तहत धार्मिक भावनायें आहत करने का मुकदमा दायर किया था।

उस समय मौर्य बसपा के महासचिव थे। इस मामले में अदालत में पेश होने के आदेश को मौर्य ने उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ में चुनौती दी थी। इस पर उच्च न्यायालय ने अदालत में पेश होने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी थी।   इस बीच देश की शीर्ष अदालत ने एक आदेश में कहा कि विभिन्न अदालतों की ओर से जारी स्थगन आदेश 6 महीने में स्वत: समाप्त माने जायेंगे। 

 इसी आदेश का हवाला देते हुए एमपी/एमएलए कोर्ट की ओर से छह जनवरी को पिछली सुनवाई की तारीख पर भी मौर्य को व्यक्तिगत हाजिरी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया जा चुका है। इस आदेश के तहत उन्हें 12 जनवरी तक अदालत में पेश होना था। सुनवाई के दौरान पेश नहीं होने पर अदालत ने एक बार फिर मौर्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर सुनवाई की अगली तारीख 24 जनवरी तक अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।

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