चंडीगढ़। चंडीगढ़ कांग्रेस उपाध्यक्ष देवेद्र सिंह बबला अपनी नवनिर्वाचित पार्षद हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गये। बबला ने इसके तत्काल बाद श्रीमती बबला के साथ यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी का दामन थाम लिया।
इस मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर, पार्टी के हिमाचल प्रदेश मामलों के सह प्रभारी और चंडीगढ़ भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय टंडन और चंडीगढ़ भाजपा अध्यक्ष अरूण सूद और पार्टी के अन्य नेता भी मौजूद थे।
श्रीमती बबला के आने के साथ ही चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के अब 13 पार्षद हो गये हैं। इसके अलावा चंडीगढ़ के सांसद के निगम का पदेन सदस्य होने तथा उसे भी मताधिकारी प्राप्त होने के चलते सदन में भाजपा के सदस्यों की अब 14 हो गई है जो आम आदमी पार्टी के ही बराबर है।
निगम चुनावों की गत 27 दिसम्बर को हुई मतगणना में आप को 14, भाजपा को 12 और कांग्रेस को आठ सीटें मिली थीं। शिरोमणि अकाली दल(शिअद) को एक सीट मिली थी।
ऐसे में महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर पदों के लिये मुकाबल बेहद रोचक होने जा रहा है तथा इसमें शिअद पार्षद का वोट बेहद अहम साबित होगा। उल्लेखनीय है कि निगम में दल बदल कानून लागू नहीं होता यानी पार्षद अगर पार्टी छोड़ता है तो भी वह पार्षद बना रहता है।
महापौर पदों के चुनावों में इसके अलावा क्रॉस वोटिंग भी बड़ा उलटफेर कर सकती है। इससे पहले गत शनिवार को नवनिर्वाचित पार्षदों की शपथ ग्रहण समारोह के बाद बबला और चंडीगढ़ प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चावला के साथ गरमा गरमी हो गई थी। बबला ने चावला को कांग्रेस के पतन के लिये जिम्मेदार ठहराया था।
बताया जाता है कि बबला ने कथित तौर पर चावला के साथ कथित तौर पर गाली गलौच भी की। जिस पर चावला ने कहा कि अनुशासनहीनता कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बबला की इस हरकत का गम्भीर रूप से संज्ञान लेते हुये कांग्रेस के पंजाब और चंडीगढ़ मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी ने बबला को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने के आदेश जारी किये।