अब अवैध खनन मामले में घिरे हरक

डीएफओ का पीसीसीएफ को भेजे पत्रों से वन मंत्री पर उठी उंगलियां

  • डीएफओ दीपक सिंह के 18 और 7 दिसंबर के दो पत्रों से सियासी दबाब का खुलासा 
देहरादून। हाल में इस्तीफे की धमकी से पुष्कर सरकार को संकट में डाल चुके वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत अब खुद घिर गए लगते हैं। अवैध खनन के कथित मामले को लेकर अटैच डीएफओ दीपक सिंह के पत्रों से वन मंत्री घिर गए हैं ।
हालांकि वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत का कहना कि अवैध खनन में लिप्त होने के कारण डीएफओ दीपक सिंह को हटाया गया है। कुछ दिन पूर्व लैंसडौन वन प्रभाग में खनन सम्बन्धी शिकायत मिलने पर वन मंत्री हरक सिंह के आदेश पर लैंसडौन वन प्रभाग से हटाये गए डीएफओ दीपक सिंह के पत्र से कई सवाल उठ रहे हैं।
दीपक सिंह ने स्वंय को हटाने संबंधी कार्रवाई को गलत बताया है। बता दें कि कुछ समय पहले सीएम के पीए नंदन सिंह बिष्ट के खनन में जुड़ा वाहनों के चालान निरस्त करने की सिफारिश  पर राजनीतिक बवाल मचा था। और अब डीएफओ के पत्र से फिर अवैध खनन की गूंज तेज हो गई है।
कोटद्वार विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे वन मंत्री हरक सिंह का कहना है कि मामले की जांच चल रही है। लेकिन डीएफओ दीपक सिंह के 18 व 7 दिसंबर के दो पत्रों से साफ है कि कोटद्वार के इलाके में खनन को लेकर उन पर राजनीतिक दबाव पड़ रहा था।
डीएफओ दीपक सिंह ने अवैध खनन के खिलाफ की गई कार्रवाई का भी 7 दिसंबर के पत्र में पूरा लेखा जोखा दिया है।
पत्रों में दीपक सिंह का कहना है कि लैंसडौन वन प्रभाग में पांच साल में पांच डीएफओ बदले गए। दीपक सिंह ने कैम्पा की धनराशि, बैम्बू हट, लालढांग-चिल्लरखाल समेत अन्य योजनाओ पर गड़बड़ की बात उठाते हुए कहा है कि वह इन मामलों में राजनीतिक दबाव में नहीं आये।
लिहाजा, उनके हटाये जाने के पीछे अवैध खनन रोक नहीं पाने की खबरें प्रकाशित करवाई गई। जिससे उनका मनोबल गिरा है। जबकि मुख्य वन संरक्षक  की जांच रिपोर्ट में उनके द्वारा कोई भी ढिलाई नहीं बरते जाने के प्रमाण मिले हैं।
इसके अलावा पत्र में कई अन्य आरोप लगाए हैं। बता देंं कि डीएफ ओ के तबादले के बाद उत्तराखंड विकास पार्टी के सचिव एडवोकेट जगदीश चंद्र जोशी सिग्गडी स्रोत में अवैध खनन से भरी ट्रॉली पलटने और उसमें एक व्यक्ति की मौत के मामले में कहा था कि जब अवैध खनन पर डीएफ ओ अटैच हो सकते हैं ,तो अब डॉ. हरक सिंह रावत को नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे देना चाहिए।
 वन मंत्री के डीएफओ को हटाने के बाद जहासे पूर्व डीएफ ओ अवैध खनन नहीं करने दे रहे थे अवैध खनन से भरी ट्रली पलट गई है। इसका मतलब स्पष्ट है कि हटाये गए डीएफ ओ सही थे और खनन माफिया परेशान थे।

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