कांग्रेस का झगड़ा, दिल्ली कूच कर गये कांग्रेस के दिग्गज 

देहरादून। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत द्वारा किये गये धमाके के बाद उत्तराखंड से लेकर दिल्ली तक कांग्रेस हिल गयी है।
इस एपिसोड के बाद आलाकमान ने पार्टी के सभी बड़े नेताओं को दिल्ली तलब किया है। शुक्रवार को माना जा रहा है कि राहुल गांधी उत्तराखंड के हालात पर उत्तराखंड के नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। 
सूत्रों का कहना है कि रावत के धमाके के बाद आज स्वयं राहुल गांधी व प्रियंका गांधी ने उन्हें फोन करके रावत के मन की थाह ली। इसके उन्हें दिल्ली आने के लिए कह गया। पार्टी मुख्यालय से कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी दिल्ली बुलाया गया।
हरीश रावत के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत, पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय सहित पार्टी के कई नेता दिल्ली की ओर निकल गये हैं।
अब दिल्ली पार्टी के भीतर चल रही इस नूरा-कुश्ती का क्या समाधान निकालता है, इस पर तो अभी नहीं कहा जा सकता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि आलाकमान हरीश रावत के कद और चुनावी परिस्थितियों को देखते हुए उन्हें नाराज करने का जोखिम शायद ही ले।
ऐसे में एक बात यह भी सामने आ रही है कि आलाकमान प्रभारी की जिम्मेदारी बदलकर इस मामले का पटाक्षेप भी कर सकता है। रावत कैंप आलाकमान को यह बात समझाने की कोशिश कर सकता है कि रावत को फ्रीहैंड देकर ही पार्टी उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर सकती है। उनके साथ राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा के साथ ही वर्तमान पार्टी के अधिकतर विधायकों का समर्थन भी बताया जा रहा है।
इसके विपरीत एक बात और भी सामने आ रही है कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह व उनके समर्थक इस बात का पूरा प्रयास करेंगे कि प्रभारी के रूप में देवेन्द्र यादव को न हटने दिया जाए। इसके साथ ही प्रीतम सिंह का गुट इस बात का भी पूरा प्रयास करेगा कि रावत कैंप को अधिक फ्री हैंड न देकर सभी सामूहिक रूप से चुनाव लड़े और चुनाव बाद ही विधायक दल के नेता का चयन हो। हालांकि कांग्रेस के अंदर चल रही इस जंग से यह बात साफ हो गयी है कि प्रभारी देवेन्द्र यादव अपेक्षाकृत ज्यादा मजबूत माने जाने वाले हरीश रावत व उनके समर्थकों को साथ लेकर चलने में सफल नहीं हो पाये।
यही बात पिछले प्रभारी अनुग्रह नारायण केे साथ भी रही। वे भी अंतिम समय तक राज्य कांग्रेस के भीतर की खाई नहीं पाट सके और इसका परिणाम यह रहा कि पार्टी ने उन्हें भी चलता किया। ऐसे में अब कल की बैठक में आलाकमान देखने वाली बात होगी।

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