देहरादून: एक ओर जहां सरकार क्रिकेट खेलने में मस्त है, वहीं एनपीएस कार्मिक अभी तक पुरानी पेंशन बहाली न किए जाने से त्रस्त हैं।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. डी सी पसबोला ने जानकारी देते हुए बताया कि संयुक्त मोर्चा की मुख्यमंत्री के साथ वार्ता के अनुक्रम में उनके द्वारा शत्रुघ्न सिंह (सेवा निवृत्त आई ए स/अध्यक्ष, वेतन विसंगति समिति, उत्तराखंड) को वार्ता हेतु नामित किया गया था।
जिसमें संयुक्त मोर्चा द्वारा बताया गया था कि वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्गत अधिसूचना जिसमें केन्द्र सरकार एनपीएस को देश के राज्यों लागू करने के लिए अनिवार्य नहीं किया गया है।
साथ ही एनपीएस योजना के सम्बन्ध में यह राज्य सरकार पर निर्भर करेगा कि इस योजना को लागू करना है या नहीं, उल्लिखित किया गया है। जिसके क्रम में यदि राज्य सरकार सकारात्मक निर्णय ले तो निश्चित रूप से कर्मचारी हित में राज्य में पुरानी पेंशन बहाल हो सकती है।
डॉ. पसबोला ने कहा कि वार्ता हुए तीन माह हो चुके हैं किन्तु अभी तक वेतन विसंगति समिति अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह की रिपोर्ट तक सार्वजनिक नहीं की गयी है जबकि अगले माह के प्रथम सप्ताह में आचार संहिता लागू होना संभावित है। जिससे कि सरकार की कर्मचारी हितैषी छवि पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है।
जिससे कि प्रदेश के 80,000 एनपीएस कार्मिक आक्रोशित हैं। सरकार जल्द ही राज्य में पुरानी पेंशन बहाल करे, ताकि एनपीएस कार्मिकों का आक्रोश शान्त किया जा सके।