नयी दिल्ली। जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर हादसे की भारतीय वायु सेना ने जांच के लिए तीनों सेनाओं की एक संयुक्त जांच के आदेश दिये हैं। रक्षा मंत्री ने लोकसभा और राज्यसभा में तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलिकाप्टर हादसे पर अपने वक्तव्य में यह जानकारी दी।
रक्षा मंत्री ने दुर्घटना में मारे गये जनरल रावत उनकी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य सैन्य अधिकारियों को सदन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने दोनों सदनों को बताया ”चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (जनरल रावत) का पूर्ण सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
रक्षा मंत्री ने अपने वक्तव्य में कहा ” बड़े दुख और भारी मन से मैं आठ दिसंबर की दोपहर में हुई सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना के दुर्भाग्यपूर्ण समाचार से अवगत कराने के लिए आपके बीच खड़ा हुआ हूं जिसमें भारत के प्रथम चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत सवार थे।
उन्होंने कहा ” जनरल बिपिन रावत डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कालेज वेलिंग्टन के छात्रों और अधिकारियों से रूबरू होने के लिए पूर्व निर्धारित कार्यक्रम पर जा रहे थे। भारतीय वायु सेना के एमआई 17 वी 5 हेलिकाप्टर ने कल (बुधवार) 11.48 मिनट पर सुलूर एयर बेस से अपनी उड़ान भरी जिसे 12 बजकर 15 मिनट पर वेलिंग्टन में उतरना था। सुलूर एयर बेस के वायु यातायात नियंत्रण कक्ष ने लगभग 12 बजकर 08 मिनट पर हेलिकाप्टर से अपना संपर्क खो दिया।
बाद में कुन्नूर के पास जंगल में स्थानीय लोगों ने आग लगी देखी। जब वे उस स्थान पर भागकर पहुंचे तो उन्होंने सैन्य हेलिकॉप्टर के अवशेष को आग की लपटों में घिरा हुआ देखा। स्थानीय प्रशासन से एक बचाव दल उस जगह पहुंचा। बचाव दल ने उसमें से सभी को निकालने का प्रयास किया।
सिंह ने कहा ”उस अवशेष से जितने भी लोगों को निकाला जा सका उन सबको यथाशीघ्र वेलिंग्टन के सैन्य अस्पताल में पहुंचाया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार उस हेलिकाप्टर में सवार कुल चौदह लोगों में से तेरह लोगों की मृत्यु हो गयी है।