नयी दिल्ली। तमिलनाड़ु के दो व्यापारिक समूहों के यहां आयकर विभाग ने छापेमारी की है जिसमें एक समूह के यहां एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री का हिसाब नहीं मिला है जबकि दूसरे समूह के यहां से 80 करोड़ रुपये की जाली रसीदें मिली हैं।
इसके साथ ही दोनों समूहों की तलाशी में 10 करोड़ रुपये की नकदी और छह करोड़ रुपये के आभूषण तथा अन्य कीमती धातु पकड़ी गई। विभाग ने आज यहां बताया कि गत एक दिसंबर को यह छापेमारी की गयी थी। दोनों समूह आभूषणों की खुदरा बिक्री, कपड़ा और घरेलू उपकरणों का व्यापार करते हैं।
इनकी चेन्नई, कोयंबतूर, मदुरै और तिरुनेलवेली में लोकप्रिय स्टोरों की श्रृंखला है। कार्रवाई के दौरान कुल मिलाकर 37 परिसरों को खंगाला गया। पहले समूह के मामले में तलाशी के दौरान कागजात और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किये गये और उन्हें जब्त कर लिया गया। तलाशी में पता चला कि समूह बहुत होशियारी से बही-खातों में हेर-फेर करता है।
कई वर्षों के दौरान एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री का हिसाब-किताब दबा लिया गया है। इसके अलावा यह भी पता लगा कि समूह ने पिछले पांच वर्षों के दौरान कपड़े और आभूषणों की लगभग 150 करोड़ रुपये की नकद खरीद की है, जिसका कोई हिसाब नहीं है।
दूसरे समूह के मामले में तलाशी के दौरान आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुये और उन्हें जब्त कर लिया गया। इन कागजात से पता चलता है कि कुछ लोगों से समूह ने जाली रसीदें हासिल की हैं, जो 80 करोड़ रुपये की हैं। इस तरह कर योग्य आय को छुपा लिया गया। सोने की अघोषित खरीद के सबूत भी जमा किये गये हैं।
इसके अलावा, समूह के बारे में यह भी पता चला है कि आभूषण बनाने की लागत को बढ़ा-चढ़ाकर खर्चे में दिखाया गया है। साथ ही, अघोषित किराये की रसीदें भी मिली हैं। सात करोड़ रुपये का स्क्रैप बेचने के बारे में भी पता चला है, जिसका कहीं कोई हिसाब नहीं है।