नयी दिल्ली। मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परम बीर सिंह पर दर्ज अपराधिक मुकदमों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने का उच्चतम न्यायालय ने संकेत दिया है।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह सिंह के खिलाफ दर्ज अपराधिक मुकदमों की जांच जारी रखें, लेकिन उन मामलों में आरोप पत्र दाखिल न करें।
शीर्ष न्यायालय ने किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने का संकेत देते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से अपना पक्ष रखने को कहा है।
सिंह ने अपने ऊपर लगे अपराधिक मामलों की जांच सीबीआई से कराने की गुहार शीर्ष अदालत से की थी है।
उनकी याचिका के आधार पर पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा था।
महाराष्ट्र सरकार ने विभिन्न आरोप एवं कानूनी पहलूओं का जिक्र करते हुए सिंह पर लगे आपराधिक आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की याचिका का विरोध किया है।
पूर्व पुलिस कमिश्नर ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया था कि वह उनसे 100 करोड़ रुपए अवैध रूप से हर महीने देने की मांग की थी।
सिंह पर मुंबई के पुलिस आयुक्त रहते हुए एक होटल व्यवसाई से लाखों रुपए की अवैध वसूली करने समेत कई अपराधिक मामले मुंबई के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। सिंह के अलावा मुंबई पुलिस के एक अधिकारी समय कई अन्य आरोपी हैं।