नई दिल्ली। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक के लिए उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी है। न्यायालय ने कामगारों को उस अवधि की मजदूरी देने का राज्य सरकारों को आदेश दिया है।
मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने दिल्ली में प्रदूषण पर सुनवाई के दौरान प्रभावित मजदूरों को मदद करने की एक वकील की गुहार पर शीर्ष अदालत ने यह निर्देश दिया।
आदेश की प्रति उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर बुधवार रात उपलब्ध कराई गई, जिसमें बिजली एवं प्लंबर से संबंधित कार्यों को छोड़कर निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध का आदेश दिया गया है। यह प्रतिबंध अगले आदेश तक जारी रहेंगा।
हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने इस प्रतिबंध से प्रभावित निर्माण कार्यों से जुड़े श्रमिकों को मजदूरी देने का आदेश दिया है। पीठ ने दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब सरकारों को श्रम कोष उपकर (श्रमिकों के कल्याण के लिए जुटाए गए कर) का इस्तेमाल मजदूरी देने के लिए करने का निर्देश दिया है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंचने के बाद शीर्ष अदालत ने पिछले दिनों केंद्र और दिल्ली सरकार को आदेश दिया था कि वह प्रदूषण के लिए जिम्मेवार गतिविधियों पर तत्काल प्रतिबंध लगाए।